PM मोदी, योगी आदित्यनाथ और महात्मा गांधी का डीपफेक वीडियो वायरल, एक्शन में आई UP पुलिस
PM Modi Deepfake Video: अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा ने बुधवार को बताया कि महात्मा गांधी, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का मामला सामने आने पर यह कार्रवाई की गई है.
DeepFake Video: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आपत्तिजनक रील बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज
अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा ने बुधवार को बताया कि महात्मा गांधी, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का मामला सामने आने पर यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि इस मामले में मंगलवार को पुलिस मीडिया सेल के प्रभारी प्रवीण सिंह की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा में मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.
लोगों ने की रील की निंदा
इस वायरल वीडियो में तीनों हस्तियों को डांस करते हुए दिखाया गया है. एक यूजर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस रील की निंदा करते हुए लिखा, 'यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा व सशक्तीकरण के लिए कई कोशिशें की हैं. लेकिन चंद व्यूज के लिए कुछ घटिया लोग उनका इस्तेमाल कर रहे हैं. महात्मा गांधी और पीएम के वीडियो को एडिट करके सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश की जा रही है.' इस वीडियो में ये तीनों हस्तियां भोजपुरी गाने पर डांस करते हुए नजर आ रही हैं.'
क्या होता है डीपफेक
दरअसल डीपफेक अंग्रेजी के दो शब्दों से बना है. डीप और फेक. साल 2014 में इयन गुडफ्लो और उनकी टीम ने इस टेक्नोलॉजी को बनाया था. बाद में इसमें बदलाव होते रहे. डीप लर्निंग के लिए कुछ खास टेक्नोलॉजी जैसे जनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क (GAN) की जानकारी होनी जरूरी है. इसमें दो नेटवर्क होते हैं. इसमें पहला है जनरेट, जो नई चीजें तैयार करता है और दूसरा दोनों में फर्क बताता है. इनकी हेल्प से एक ऐसा सिंथेटिक डेटा तैयार किया जाता है, जो असली से बहुत हद तक मिलता है. इसी को डीप फेक कहा जाता है.
भारत में आईटी एक्ट 2000 के तहत लोगों को उनकी प्राइवेसी के लिए सिक्योरिटी दी जाती है. अगर कोई आपका डीपफेक वीडियो या फोटो बिना आपकी इजाजत के बनाता है तो यह कानून का उल्लंघन है और इसकी आप शिकायत कर सकते हैं. आईटी एक्ट की धारा 66डी के तहत दोषी पाए जाने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और 3 साल की जेल हो सकती है.