Calcutta High Court : कोलकाता में विकलांग बच्चों के एक स्कूल के पास तेज़ म्यूजिक बजाने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ी बात कही है.
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कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने कोलकाता में विकलांग बच्चों के एक स्कूल के पास तेज़ म्यूजिक सुनने यानी गाने बजाने के लिए स्पीकर के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इस सुनवाई के दौरान जज साहब की टिप्पणी की खूब चर्चा हो रही है. याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने नाराजगी भी जताई. चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनाम (T S Sivagnanam) ने कहा आपकी समिति सोचती है कि वे भगवान से भी बड़े हैं. भगवान की मूर्ति के बजाय, हमारे पास आपकी समिति के सदस्यों की तस्वीरें होंगी.
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सुनवाई के दौरान पहले के कुछ मामलों का हवाला दिया गया. उसके बाद चीफ जस्टिस ने अपनी टिप्पणी की तो सब लोग उसे ध्यान से सुनने लगे.
चीफ जस्टिस : आपकी समिति के अध्यक्ष सोचते हैं कि वह देवता से भी बड़े हैं. ये सब उनका अहंकार है. हम लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत देने वाले आदेश पर स्वत: संज्ञान लेकर रोक लगा सकते हैं. आपको इलाके के लोगों का कुछ तो ख्याल रखना चाहिए. आप इतने संवेदनहीन कैसे हो सकते हैं.
वकील: ये तो सालों से चल रहा है. सड़कें ब्लॉक कर दी जाती हैं. यहां तक कि स्कूलों के बाहर स्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है.
चीफ जस्टिस : हमने पिछले साल एक आदेश पारित किया है.
याचिकाकर्ता : हां, इस साल फिर से उन्होंने शुरुआत की है
प्रतिवादी: हमें कल एक अदालती आदेश प्राप्त हुआ है
चीफ जस्टिस : अदालत ने नोट किया है कि रोड को अवरुद्ध नहीं किया जाएगा. हम अनुरोध करते हैं कि लाउडस्पीकर का उपयोग न किया जाए. क्योंकि वहां दिव्यांग बच्चों के लिए एक स्कूल है. ऐसे में आपकी पूजा समिति को पड़ोसियों के लिए भी अपनी चिंता दिखानी होगी. खासकर इसलिए भी क्योंकि वो बच्चे दिव्यांग हैं. इसलिए आपसे उचित व्यवहार की अपेक्षा की जाती है.
इसके अलावा एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया कि इस त्योहारी सीजन में राज्य के सभी इलाकों में शांति बनी रहे. बेंच ने कहा कि यह त्योहारी मौसम है और छठ पूजा की शुरुआत हो गई है, जिसके बाद कोलकाता के पड़ोसी हुगली जिले के चंदननगर में जगद्धात्री पूजा होगी.
हाई कोर्ट ने कहा, 'यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि लोग बिना किसी व्यवधान के पूरे हर्षोल्लास के साथ त्योहार मनाएं.'