Rajnath Singh Meets Putin: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच, पुतिन संग राजनाथ की यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. पुतिन 2022 से शुरू हुए संघर्ष के बाद से गिने-चुने नेताओं से ही मिलते हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या विदेश मंत्री एस जयशंकर या फिर आज राजनाथ सिंह, पुतिन ने हमेशा भारतीय नेताओं को तरजीह दी है.



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पुतिन और राजनाथ की मुलाकात में क्या बात हुई?


रक्षा मंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सिंह ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और संयुक्त प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे. बैठक के दौरान, सिंह ने कहा, 'हमारे देशों के बीच मित्रता सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है.' उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा.


माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच S-400 डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध, सीरिया और मध्य एशिया के हालात समेत रक्षा क्षेत्रों से जुड़े कई मुद्दों पर बात हुई होगी.


रूसी रक्षा मंत्री से भी मिले राजनाथ


राजनाथ ने मंगलवार को अपने समकक्ष, रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव से भी बातचीत की. PTI ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से लिखा कि सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली की दो बाकी यूनिट्स की जल्द सप्लाई किए किये जाने की जोरदार हिमायत की. रूस ने मिसाइल प्रणालियों की पहली तीन रेजिमेंट की आपूर्ति पूरी कर ली है. यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर शेष इकाइयों की आपूर्ति में देरी हुई है. सिंह ने भारत में मिसाइल प्रणालियों के रखरखाव और संबंधित सेवाओं को पूरा करने का भी आह्वान किया. 


बेलौसोव ने कहा कि 'हमारे नेताओं के बीच विश्वासपूर्ण संबंध द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.' उन्होंने कहा कि 'हम बहुपक्षीय प्रारूपों में रूस और भारत के बीच सैन्य बातचीत के अच्छे स्तर से संतुष्ट हैं. मुझे विश्वास है, कि हमारी बैठक रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में रूसी-भारतीय संबंधों को और मजबूत करने में योगदान देगी.'



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रूसी रक्षा मंत्रालय के बयान में सिंह के हवाले से कहा गया, 'भू-राजनीतिक चुनौतियों और महत्वपूर्ण दबाव के बावजूद... भारत न केवल रूस के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को संरक्षित करने बल्कि उन्हें बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.'