Delhi Air Pollution: दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण का संकट गहरा गया है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को 'खराब' स्तर पर पहुंचने के बाद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों को जीआरएपी यानी कि चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना के पहले चरण के तहत उपायों को कड़ाई से लागू करने के लिए कहा गया है, जिसमें सड़क किनारे बने भोजनालयों, होटलों और रेस्तरां में कोयले के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. जीआरएपी से संबंधित केंद्र सरकार की उप-समिति की एक बैठक में कहा गया कि पिछले 24 घंटों में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता मापदंडों में “अचानक गिरावट” हुई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में
दरअसल, बताया गया है कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 212 यानी खराब श्रेणी में पहुंच गया है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयासों के तहत पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से जीआरएपी का पहला चरण लागू करने की आवश्यकता है. दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर जीआरएपी को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है. पहला चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 यानी ‘खराब’ होने पर लागू किया जाता है.


तत्काल प्रभाव से जीआरएपी
दूसरा चरण एक्यूआई 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण एक्यूआई 450 से अधिक (गंभीर से भी ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है. पहले चरण के तहत, अधिकारी प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. 


प्रदूषण स्तर काफी गिरा
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि हवा की दिशा में उत्तर पश्चिमी हो जाने का असर दिल्ली में प्रदूषण स्तर पर साफ दिखाई दे रहा है. गुरुवार को राजधानी के आठ इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई AQI) 200 ऊपर यानी खराब श्रेणी में पहुंच गया. यह बात अलग है कि समग्र तौर पर अभी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है. एजेंसी इनपुट