नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केजरीवाल सरकार (Delhi Government) से नगर निगम का बकाया 13000 करोड़ रुपये की मांग के लिए शुक्रवार को पूरी दिल्ली (Delhi) में हस्ताक्षर अभियान (Signature Campaign) चलाया. नई दिल्ली के सरोजनी नगर मार्केट में चलाए जा रहे इस अभियान में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी हिस्सा लिया. 


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प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि 2015 में सत्ता में आने के बाद से दिल्ली सरकार (Delhi Government) नगर निगमों के प्रति राजनीतिक पक्षपात करती रही है. भाजपा शासित नगर निगमों को बदनाम करने के लिए दिल्ली सरकार और उसकी सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी निगमों पर भ्रष्टाचार के मनगढ़ंत आरोप लगा रही है और संवैधानिक रूप से आवंटित फंड को रोक रही है. पिछले 5 वर्षों के दौरान केजरीवाल सरकार ने सभी योजना प्रमुख फंडों में कटौती की है, निगम द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों को बाधित कर दिया. पिछले 2 वर्षों में दिल्ली सरकार ने दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद भी फंड में कटौती की.


कर्मचारियों को नहीं मिला 3-4 महीने का वेतन


उन्होंने कहा कि 2020-21 तक दिल्ली सरकार ने नगर निगमों को आवंटित धन का 30 प्रतिशत भी नहीं दिया है. इसके परिणाम स्वरूप नागरिक सेवाएं और प्रशासनिक गतिविधियां पूरी तरह से बाधित है. वित्तीय स्थिति इतनी खराब हो गई है कि कई वर्ग के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं, क्योंकि उन्हें 3 से 4 महीने का वेतन नहीं मिला है. दिल्ली सरकार की ओछी राजनीति के कारण दिल्ली के लोगों को असुविधा हो रही है, क्योंकि सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कुछ इलाकों में सड़कों पर कचरा जमा होने लगा है. प्राथमिक स्कूलों और नगर निगम की स्वास्थ्य सेवाएं बंद होने से गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है.


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2 दिनों तक जारी रहेगा अभियान


दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने तत्काल निगम का बकाया 13000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार की नकारात्मक नीतियों और नाकामियों से लोगों को अवगत कराने के लिए अगले 2 दिनों के लिए अपना हस्ताक्षर अभियान जारी रखेंगे. आज भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने करीब 750 मैन स्थानों पर हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया, जिसमें स्थानीय बाजार, मेट्रो स्टेशन और मंदिर परिसर और संस्थागत क्षेत्रों के बाहर शामिल थे.


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दिल्ली सरकार के कारण शुरू हुई हड़ताल


बताते चलें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल भी हस्ताक्षर अभियान में शामिल हुए और इसके साथ उन्होंने स्वच्छता अभियान भी चलाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के संवेदनहीन रवैए और निगम के प्रति सौतेले व्यवहार के कारण आज न सिर्फ निगम कर्मचारी परेशान हैं बल्कि दिल्ली की आम जनता भी परेशान है. निगम कर्मियों के हड़ताल पर जाने से रोजमर्रा के कार्य, साफ-सफाई की व्यवस्था ठप्प हो गई है और मुख्यमंत्री केजरीवाल तमाशबीन होकर दिल्लीवासियों को त्रस्त होते देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल सरकार ने निगम का बकाया फंड समय पर दे दिया होता तो दिल्लीवासियों को मिल रही मूलभूत सुविधाएं प्रभावित नहीं होती और वेतन के लिए निगम कर्मियों को हड़ताल पर नहीं जाना पड़ता.


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