रेलवे टिकट का रिफंड (Railway Ticket Refund Rules) पाने की समय सीमा में दूसरी बार बदलाव करते हुए रेलवे (Indian Railways) ने इसे 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने कर दिया है. बयान में कहा है कि यह नियम सिर्फ उन्हीं रेगुलर टाइम टेबल्ड ट्रेन्स के लिए लागू है, जिन्हें रेलवे ने रद्द किया है.
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नई दिल्ली: अगर आप अभी तक लॉकडाउन के दौरान रद्द हुए टिकटों का रिफंड (Railway Ticket Refund) नहीं ले पाए हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. दरअसल, भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने रेलवे काउंटर से बुक कराए गए टिकटों का रिफंड (Ticket Refund Rule) पाने की टाइमिंग में दूसरी बार बदलाव करते हुए इसे 9 महीने तक बढ़ा दिया है.
IRCTC के मुताबिक, जिन लोगों ने 21 मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 के बीच यात्रा के लिए टिकट बुक कराए थे, सिर्फ उन्हीं लोगों को रिफंड मिल सकेगा. बताते चलें कि ये नियम निर्धारित टाइम टेबल वाली सिर्फ उन रेल गाड़ियों के लिए खरीदे गए टिकटों पर ही लागू होगा जिन्हें रेलवे द्वारा लॉकडाउन के चलते रद्द किया गया था. वहीं जिन यात्रियों ने IRCTC पोर्टल के जरिए टिकट बुक कराए थे, उनका रिफंड प्रोसेस ऑटोमैटिक पूरा हो गया.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के खतरे को देखते हुए 22 मार्च से ट्रेनों की सेवाओं को बंद कर दिया गया था. इसके बाद Indian Railways ने टिकट रद्द कराने और किराए की वापसी को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे. जिसके मुताबिक, रेलवे द्वारा रद्द की गई गाड़ियों के लिए पीआरएस काउंटर टिकट को जमा कराने की समय सीमा को 3 दिन से बढ़ाकर (यात्रा का दिन छोड़कर) 6 महीने कर दिया गया था और 139 या IRCTC की वेबसाइट से टिकट रद्द कराए जाने की स्थिति में किसी भी काउंटर से रिफंड प्राप्त करने की समय-सीमा को भी बढ़ाकर कर यात्रा की तिथि से 6 महीने कर दिया गया था.
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