Delhi: बेगुनाह ने भुगती Caste के खिलाफ नफरत की सजा, Court ने बरी करते समय की ये टिप्पणी
Rape Accused Acquitted: आरोपी के खिलाफ कथित रूप से नाबालिगों के साथ रेप करने के लिए साल 2015 में पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत केस दर्ज किया गया था.
नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के एक कोर्ट ने नाबालिगों से रेप के एक आरोपी को बरी (Rape Accused Acquitted After Six Years) कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि शख्स को एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. जाति संबंधी घृणा (Hatred Against Caste) की वजह से शख्स के साथ ऐसा किया गया. बच्चों के माता-पिता ने उनको बहुत कुछ सिखा रखा था.
बेगुनाह को रेप के केस में फंसाया गया
फैसला सुनाते हुए जस्टिस धर्मेश शर्मा ने कहा कि पर्याप्त सबूत इशारा करते हैं कि आरोपी, जो दलित समुदाय से है, के प्रति बच्चों के माता-पिता का रुझान पक्षपातपूर्ण है और उसे इस मामले में फंसाया गया है.
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कोर्ट ने कहा कि आपराधिक मामलों पर फैसले देते हुए मिला अनुभव कहता है कि लोग अनगिनत कारणों से झूठे आरोप लगाते हैं, जिनमें से एक जातिगत घृणा भी है. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ.
बता दें कि आरोपी के खिलाफ ये केस साल 2015 में पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज करवाया गया था. आरोप था कि शख्स ने अपने पड़ोसी की नाबालिग बेटियों का यौन उत्पीड़न किया. आरोपी पिछले 6 साल से जेल में बंद था.
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जस्टिस धर्मेश शर्मा ने कहा, ‘हमारे समाज में, अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष हमेशा चलता रहता है और हम ऐसे दौर में रह रहे हैं जहां पर समाज में नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है और कुछ भी संभव है.’
कोर्ट ने आरोपी को एक लाख रुपये का मुआवजा दो महीने के भीतर देने का राज्य को निर्देश दिया है. कोर्ट ने पुलिस की जांच को भी लचर बताया.
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