उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) को 7 दिनों की अंतरिम जमानत मिल गई है. खालिद को ये जमानत दिल्ली के एक कोर्ट ने दी है. खालिद को ये जमानत उसकी बहन की शादी के लिए मिली है. इससे पहले कोर्ट ने उमर खालिद की अंतरिम जमानत की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था और 12 दिसंबर को आदेश सुनाने की बात कही थी.


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एडिश्नल सेशन जज (Additional Sessions Judge) अमिताभ रावत ने उमर खालिद को 23 दिसंबर से लेकर 30 दिसंबर तक के लिए जमानत प्रदान की है. हालांकि, जमानत की अवधि के समाप्त होने के बाद उमर खालिद को किसी भी हाल में सरेंडर करना होगा. इस मामले में उसे किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी जाएगी.


खालिद ने मांगी थी 15 दिन की जमानत


हालांकि, इस मामले में कोर्ट के विस्तृत आदेश का अभी भी इंतजार है. जानकारी के मुताबिक उमर खालिद ने अपनी बहन की शादी के लिए कोर्ट में दो हफ्ते के लिए जमानत दिए जाने की अपील दायर की थी. उमर ने 20 दिसंबर से 3 जनवरी तक के लिए जमानत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 7 दिन की जमानत दी है.


उमर खालिद पर यूएपीए यानी और इंडियन पीनल कोड के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किए गए थे. खालिद पर कथित रूप से फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगा था. दिल्ली के इन दंगों में 53 लोगों की जान चली गई थी. वहीं, 700 से ज्यादा लोग इस दंगे में घायल हुए थे.


दरअसल, दिल्ली में जगह-जगह सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे थे. इसी दौरान दंगे भड़क गए. जिसके बाद उमर खालिद की गिरफ्तारी हुई थी.


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