Delhi Liquor Scam: मनीष सिसोदिया के बाद अब करीबियों पर कसा शिकंजा, शराब घोटाले में CBI कर रही पूछताछ
Delhi Excise Policy Scam: दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सूत्रों ने बताया कि मामले से जुड़े कुछ आरोपियों से सीबीआई पूछताछ कर रही है.
Delhi Excise Policy Scam Update: दिल्ली आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में FIR दर्ज करने के बाद सीबीआई अब मनीष सिसोदिया के करीबियों से पूछताछ कर रही है. केंद्रीय विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि घोटाले के अरोप में इन लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है. सीबीआई ने कथित घोटाले के मामले में शुक्रवार सुबह सिसोदिया और आईएएस अधिकारी अरवा गोपी कृष्ण के अलावा 19 अन्य स्थानों पर छापेमारी की. इस बीच भाजपा ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर अपना हमला तेज कर दिया है.
AAP का असली चेहरा बेनकाब?
पूरे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजधानी में 'शराब घोटाले' के 'किंगपिन' हैं. ठाकुर ने कहा कि 'आप' को अन्य मुद्दों को उठाकर आबकारी घोटाले से ध्यान हटाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि उसका असली चेहरा बेनकाब हो गया है.
अनुराग ठाकुर ने मनीष सिसोदिया को घेरा
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर कटाक्ष करते हुए, ठाकुर ने उन्हें 'MONEY Shh' के रूप में संदर्भित किया और आरोप लगाया कि वह पैसा कमाते हैं और चुप्पी बनाए रखते हैं. ठाकुर के साथ दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी भी मौजूद थे.
मनीष सिसोदिया की हो सकती है गिरफ्तारी?
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीबीआई द्वारा उनके आवास पर छापेमारी के एक दिन बाद शनिवार को दावा किया कि 2024 का लोकसभा चुनाव अरविंद केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होगा. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि आप सुप्रीमो को डराने के लिए हर तरह का इस्तेमाल कर रहे हैं. सिसोदिय ने कहा कि हो सकता है कि अगले 3-4 दिनों के भीतर, सीबीआई-ईडी मुझे गिरफ्तार कर ले... हम डरेंगे नहीं, आप हमें तोड़ नहीं पाएंगे... 2024 का चुनाव आप बनाम बीजेपी होगा.
सिसोदिया का दिल्ली एलजी पर हमला
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली आबकारी नीति को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया गया था और कोई घोटाला नहीं हुआ था. आबकारी नीति जिसके कारण सारा विवाद खड़ा हुआ है, वह देश की सर्वोत्तम नीति है. हम इसे पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ लागू किए थे. अगर दिल्ली एलजी ने नीति को विफल करने की साजिश रचकर अपना फैसला नहीं बदला होता, तो दिल्ली सरकार को हर साल कम से कम 10,000 करोड़ रुपये मिलते.
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