नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों (Delhi Government School) में पढ़ने वाले कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों के रिजल्ट बुधवार को जारी कर दिए हैं. स्टूडेंट्स शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) की आधिकारिक वेबसाइट edudel.nic. in पर जाकर अपना-अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं.


वॉट्सऐप-SMS पर भेजे गए रिजल्ट


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कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के चलते इस बार परीक्षा के परिणामों को वॉट्सऐप और SMS के माध्यम से स्टूडेंट्स को भेजा गया है. इस बाबत दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने एक गाइडलाइंस भी जारी की थी. इसके अनुसार कोई भी स्कूल रिजल्ट के लिए विद्यार्थियों को नहीं बुला सकता. इतना ही नहीं, स्कूलों को ये भी निर्देश दिए गए थे कि अपने विद्यार्थियों को एसएमएस और वॉट्सऐप के माध्यम से रिजल्ट जारी करें.


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इस साल 9th क्लास में पास हुए 80.3% बच्चे


दिल्ली शिक्षा निदेशालय के मुताबिक, सत्र 2020-21 में कक्षा 9वीं में लगभग 2.58 लाख विद्यार्थी एनरोल थे, जिनमें से 2.45 लाख विद्यार्थियों ने मिडटर्म परीक्षाएं दी. रिजल्ट का आधार मिडटर्म और इंटरनल असेसमेंट रहे हैं. इस आधार पर 1.97 लाख विद्यार्थी प्रोमोट हुए हैं. इस प्रकार, 9वीं कक्षा का पास प्रतिशत इस बार 80.3% रहा है. पिछले साल मुख्य परीक्षा में 65% बच्चे पास हुए तो जो प्रोजेक्ट बेस्ड रीसेसमेंट के बाद रिजल्ट 85% हो गया था.


इस साल 11th क्लास में पास हुए 96.9% बच्चे


वहीं 11th क्लास की बात करें तो सत्र 2020-21 में 1.70 लाख स्टूडेंट्स एनरोल हुए थे, जिसमें से 1.69 लाख स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिए और 1.65 लाख छात्र परीक्षा में पास हो गए. परसेंटेज देखें तो क्लास 11th में कुल 96.9% विद्यार्थी पास हुए हैं. जबकि सत्र 2019-20 में कंपार्टमेंट परीक्षा के बाद 99.25% विद्यार्थी उतीर्ण हुए थे. इस कक्षा के रिजल्ट का आधार भी मिडटर्म परीक्षा और प्रोजेक्ट/प्रैक्टिकल असेसमेंट रहे हैं.


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इस फॉमूर्ला के आधार पर तय किए गए नंबर


गौरतलब है कि 2020-21 सत्र में क्लास 9th में सामाजिक अध्यन्न और तीसरी भाषा की परीक्षाएं, और 11वीं में भूगोल और बिजनेस स्टडीज की मिडटर्म परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो पाया था. लिहाजा इन विषयों में विद्यार्थियों को उनके दो सर्वश्रेष्ठ अंको वाले विषयों में प्राप्त औसत अंक प्रदान किए गए. यही फार्मूला उन विषयों के लिए भी लगाया गया, जिसकी परीक्षा विद्यार्थियों नें नहीं दी थी.


परीक्षा में फेल हो गए बच्चों के पास दूसरा मौका


मिडटर्म परीक्षा में कक्षा 9वीं के लगभग 12500 और कक्षा 11वीं में 3500 ऐसे विद्यार्थी थे, जिन्होंने एक भी परीक्षा में भाग नहीं लिया है. ऐसे सभी विद्यार्थियों जिन्होंने परीक्षा नहीं दी थी या वो जो फेल हो गए, उनके लिए प्रोजेक्ट बेस्ड रिएसेसमेंट (Project Based Assessment) किया जाएगा जो क्लास बेस्ड असाइनमेंट या प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर होगा. इससे संबंधित जानकारियां बहुत जल्द शिक्षा निदेशालय के आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी.


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