नई दिल्ली: रामलीला मैदान (Ramlila Maidan) में आयोजित बीजेपी (BJP) की धन्यवाद रैली में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने एनआरसी (NRC) और सीएए (CAA) को लेकर कई अहम बातें कहीं. उन्होंने न सिर्फ एनआरसी और सीएए को लेकर जारी कई अफवाहों को दूर किया बल्कि सीएए का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों पर भी निशाना साधा. पेश है एनआरसी और सीएए पर कही गईं 10 बड़ी बातें- 


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1-नागरिकता संशोधन कानून भारत के किसी नागरिक के लिए, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, के लिए है ही नहीं. यह संसद में बोला गया है. इस कानून का इस देश के अंदर रह रहे 130 करोड़ लोगों से कोई वास्ता नहीं है. 


2-कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे नक्सली -अर्बन नक्सल, ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा. कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र करिए. एक बार पढ़ तो लीजिए नागरिकता संशोधन एक्ट है क्या?


3-अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ हैं. जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और NRC दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है. 


4-CAA उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं. किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए CAA बना है.


5-महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए तब उनका स्वागत है. ये रियायत तब की भारत की सरकार के वादे के मुताबिक है.


6-पाकिस्तान से जो शरणार्थी आए हैं उसमें से अधिकतर दलित परिवार से हैं. वहां आज भी दलितों के साथ दुर्व्यवहार होता है. वहां बेटियों के साथ अत्याचार होता है, जबरन शादी करके उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है.


7-मैं दलित राजनीति करने का दावा करने वालों से भी पूछना चाहता हूं कि आप इतने वर्षों से चुप क्यों थे, आपको इन दलितों की तकलीफ कभी क्यों नहीं दिखाई दी. आज जब इन दलितों के जीवन की सबसे बड़ी चिंता दूर करने का काम मोदी सरकार कर रही है तो आपके पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं. 


8-रिफ्यूजी का जीवन क्या होता है, बिना कसूर के अपने घरों से निकाल देने का दर्द क्या होता है, यह दिल्ली से बेहतर कौन समझ सकता है. यहां का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां बंटवारे के बाद किसी ऱिफ्यूजी का और बंटवारे से अल्पसंख्यक बने भारतीय का आंसू ना गिरा हो. 


9-CAA का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं तो मुझे होती है. लेकिन मेरी सोच अलग है. जब उनके हाथ में हिंसा के साधन देखता हूं तो मुझे तकलीफ होती है. परन्तु जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी होता है. 


10-रिफ्यूजी अपनी पहचान कभी नहीं छिपता, जबकि घुसपैठिया कभी सामने नहीं आता.