नई दिल्लीः दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके के ट्रामा सेंटर के नज़दीक एक परिवार पिछले चार दिनों से अनशन पर बैठा है. ये परिवार आम आदमी की सरकार का दावा करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलना चाहता है. यहां एक आम आदमी मुख्यमंत्री से इंसाफ मांग रहा है. अपने बेटे के सम्मान दिलाने के लिए पिछले ढाई साल से लड़ाई लड़ रही है एक बुजुर्ग मां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनका किया वादा याद दिलाने के लिए मिलना चाहती है. ये वादा था ड्यूटी और फर्ज के खातिर जान देने वालों को एक करोड़ की आर्थिक मदद देने की घोषणा. लेकिन सीएम साहब अपना वादा भूल गए.


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80 साल की हनीफ खातून अपनी बहू मलका खातून के साथ पिछले 28 सितंबर से अनशन पर बैठीं है. दअरसल 4 मार्च 2016 को दिल्ली पुलिस में तैनात हेड कॉन्स्टेबल अब्दुल सबूर को एक ट्रक ने बुराड़ी के पास चेकिंग के दौरान कुचल दिया था. अब्दुल की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी.



अब्दुल राजस्थान के करौली जिले के रहने वाले थे. उन्हें पूरे पुलिस सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई थी. अब्दुल घर में कमाने वाले अकेले सदस्य थे. अब्दुल के घर वालों का कहना है कि अब तक ढाई साल बीत गया है.



अब्दुल सबूर को दिल्ली सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है और ना ही शहीद का दर्जा मिला है. इसलिए 80 साल की बुजुर्ग हनीफ खातून बेटे के सम्मान के लिए ढाई साल से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए चक्कर काट रही है. लेकिन सीएम साहब मिलने को राज़ी नही है.