फरीदाबाद: आईपीएस अधिकारी व फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर के आत्महत्या प्रकरण में कई राज सामने आए हैं. मामले की जांच के दौरान पता चला कि आरोपी निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद अपने भांजे को केस से निकलवाने के लिए डीसीपी पर लगातार दबाव बना रहा था. साथ ही महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई दरखास्त पर महिला के पति के हक में कार्यवाही कराने हेतु भी दबाव बना रहा था. वहीं, गिरफ्तार एसएचओ अपनी महिला मित्र के नाम पर डीसीपी को झूठे केस में फंसाने और अंजाम भुगतने की लगातार धमकी दे रहा था. साथ ही ऐसा ना करने पर पत्रकार दोस्त सतीश के साथ मिलकर फरीदाबाद शहर में बदनाम करने की धमकी दे रहा था.


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बता दें कि 14 अगस्त बुधवार सुबह करीब 6:00 बजे अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. कपूर फरीदाबाद में बतौर डीसीपी तैनात थे. 1983 में कपूर बतौर एएसआई तैनात हुए और विक्रम कपूर को 2020 अक्टूबर में रिटायर होना था. 2017 में कपूर बतौर आईपीएस पदोन्नत हुए थे. कपूर यहां पुलिस लाइन में अपने 1 बेटे और पत्नी के साथ रहते थे और दूसरा बेटा पंचकूला में रहता था. उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें फरीदाबाद के ही एक थाने में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद पर उसे लगातार टॉर्चर करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था.


 



 


पुलिस आयुक्त संजय कुमार ने इस केस की तफ्तीश के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी, जिसमें इंस्पेक्टर विमल, एसआई रविंदर और एसआई सतीश को शामिल किया गया था. एसआईटी ने आरोपित अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर कोर्ट मे पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था. एसआईटी टीम ने बताया कि एसएचओ अब्दुल शहीद के भांजे का नाम थाना मुजेसर मे दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमे में शामिल था, जिसका नाम मुकदमा से निकालने के लिए निलंबित एसएचओ अब्दुल शहीद लगातार डीसीपी पर दबाव बना रहा था.


पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी अब्दुल शहीद ने बताया कि उनकी एक महिला मित्र है जिनका अपने ससुर से प्रॉपर्टी का विवाद चल रहा है. जो प्रॉपर्टी विवाद की दरखास्त महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई थी, जिसकी जांच डीसीपी के क्षेत्राधिकार में आती थी, पर महिला मित्र के हक में जांच करवाना चाह रहा था. आरोपित ने बताया कि उसने डीसीपी को बोला था कि अगर मेरे भांजे को बाहर नहीं किया और मेरी महिला मित्र की दरखास्त पर कार्यवाही नहीं की तो मैं अपनी महिला मित्र के साथ मिलकर झूठे केस में फंसा दूंगा. साथ ही अपने पत्रकार साथी सतीश से फरीदाबाद के अखबारों में तेरे खिलाफ ऐसी-ऐसी खबर छपवाऊंगा कि तू आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएगा.


आरोपी ने पूछताछ में कबूला है कि वह और उसका दोस्त सतीश पिछले 3 महीने से लगातार डीसीपी को परेशान कर रहे थे. पूछताछ पर आरोपी अब्दुल शहीद ने बताया कि कई बार वह डीसीपी की कोठी पर जाकर डीसीपी को दोनों के केस के संबंध में अपने मनमुताबिक कार्य करने के लिए दबाव बनाता था. आरोपी ने पूछताछ में बताया कि 13 अगस्त को भी वह डीसीपी के सरकारी आवास पर गया था और डीसीपी को अपने मुताबिक कार्य करने के लिए कहा. उन्होंने मना किया तो, मैंने गुस्से में आकर उनको तेज आवाज में बात की. मेरी तेज आवाज सुनकर डीसीपी की पत्नी भी वहां पर आ गई थीं. 


आरोपी ने बताया कि मैंने डीसीपी को धमकी देते हुए कहा था कि अगर मेरे भांजे अरसद को केस से नहीं निकाला व मेरी महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई दरखास्त पर आपने सही कार्यवाही नहीं करी तो मैं अपने दोस्त सतीश पत्रकार से कहकर आपके खिलाफ झूठी खबर निकलवा दूंगा. अपनी महिला मित्र से आपके ऊपर झूठे इल्जाम भी लगवा दूंगा. इस झुठे इल्जाम के सहारे तेरा वो हाल कर देंगे कि आत्महत्या करने के अलावा तेरे पास और कोई रास्ता नही बचेगा. ये धमकी देकर मै उनके घर से आ गया था.


एसआईटी हेड और एसीपी क्राइम अनिल यादव ने बताया कि आरोपित अब्दुल शहीद व उसके आरोपित दोस्त सतीश पत्रकार से परेशान होकर डीसीपी ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. एफआईआर में नामजद व आरोपित अब्दुल शहीद के पत्रकार दोस्त सतीश की तलाश जारी है, जिसको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.