नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि जेएनयू राजद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आरोपपत्र दायर किये जाने से कई सवाल खड़े होते हैं और इसका आप सरकार द्वारा ‘विधिक अध्ययन’ किए जाने की जरूरत है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य के खिलाफ राजद्रोह के मामले के सिलसिले में अदालत में आरोपपत्र दायर करने में तीन वर्ष का समय लिया. गत महीने अदालत ने कन्हैया और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र प्राधिकारियों से जरूरी मंजूरी प्राप्त किये बिना दायर किए जाने पर सवाल उठाये थे.बुधवार को अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह मामले में अभियोजन के लिए जरूरी मंजूरी प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लाए.


'सरकार वर्तमान समय में आरोपपत्र का अध्ययन कर रही है'
जब संवाददाताओं ने मुद्दे पर दिल्ली सरकार के रुख के बारे में सवाल किया तो केजरीवाल ने कहा,'सरकार वर्तमान समय में आरोपपत्र का अध्ययन कर रही है. दिल्ली पुलिस को आरोपपत्र दायर करने में तीन वर्ष का समय लग गया..पुलिस ने सरकार की मंजूरी के बिना उसे दायर कर दिया और चुनाव से पहले दायर करने पर कई सवाल उठते हैं. उसका (अरोपपत्र) विधिक रूप से अध्ययन किये जाने की जरूरत है.'


आरोपपत्र के अनुसार कुमार एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान राजद्रोह वाले नारों का समर्थन किया था. पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पर कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप लगाया है.


(इनपुट - भाषा)