Faridabad Pollution: ग्रैप-4 के नियमों की उड़ी धज्जियां, खुले हैं प्राइवेट स्कूल
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2521131

Faridabad Pollution: ग्रैप-4 के नियमों की उड़ी धज्जियां, खुले हैं प्राइवेट स्कूल

हरियाणा के फरीदाबाद जिले में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. AQI भी 350 पार हो गया है तो ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रैप-4 के नियमों की सख्ती से पालन करने के डीसी विक्रम सिंह ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

Faridabad Pollution: ग्रैप-4 के नियमों की उड़ी धज्जियां, खुले हैं प्राइवेट स्कूल

Faridabad Pollution News: हरियाणा के फरीदाबाद जिले में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. AQI भी 350 पार हो गया है तो ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रैप-4 के नियमों की सख्ती से पालन करने के डीसी विक्रम सिंह ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. शहर में कंस्ट्रक्शन पर भी शक्ति से रोक लगाने की आदेश दिए हैं तो वहीं पहले से 12वीं तक की कक्षाओं को नहीं लगाने के भी आदेश दिए गए हैं. ताकि छोटे बच्चों को लगातार बढ़ते हुए प्रदूषण से बचाया जा सके. 

फरीदाबाद डीसी विक्रम सिंह ने आदेश में कहा है कि जिला में ग्रैप-4 की पाबंदी लागू की जाए ताकि जिले में बढ़ते प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाएं जा सके. विभागों को उनकी जिला में सख्ती से पालना सुनिश्चित करने के भी सख्त आदेश दिए हैं. मगर डीसी साहब के आदेशों का कितना पालन हो रहा है इसकी हकीकत तो जमीनी स्तर पर कुछ और ही दिखाई देती है. शहर में जगह-जगह कंस्ट्रक्शन बेधड़क जारी है बिल्डिंग मटेरियल बेचने बालों का मटेरियल भी खुले में पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है और यही डस्ट हवा में घुलकर प्रदूषण फैलाता हुई नजर आ रही है.

वहीं प्राइवेट स्कूल वाले भी प्रदूषण के चलते स्कूल बंद करने के सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए साफ नजर आ रहे हैं. ऐसे ही एक प्राइवेट स्कूल के बाहर स्कूल की वर्दी में कुछ बच्चों को खड़े दिखे. बच्चों ने बताया कि वह चौथी कक्षा का छात्र है, जो स्कूल में पढ़ता है. वह स्कूल सुबह 8 बजे आया था, हालांकि आज यहां हाफ डे की छुट्टी कर दी गई है. 

ये भी पढ़ें: Delhi Pollution: प्रदूषण की इमरजेंसी! दिल्ली के कई इलाकों में 500 तक पहुंचा AQI

जब बच्चे से बातचीत करने के बाद जब संवाददाता ने कैमरा बंद कर वहां से निकलने लगे तो उन्हें अंदर से किसी को पीटने और बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. ज़ी मीडिया संवाददाता ने जब दरवाजे को खोलकर देखा तो स्कूल प्रशासन का कर्मचारी उस बच्चे को पीट रहा था, जिससे संवाददाता से बात की. जब संवादाता ने कर्मचारी से बात करनी चाही तो उन्होंने बताया कि हमने किसी बच्चे को नहीं पीटा और यह बच्चा तो मैडम का बच्चा है जो उन्हीं के स्कूल में पढ़ाती हैं, उन्हीं के साथ जाएगा. मगर जब संवाददाता द्वारा बार-बार उस बच्चों को सामने पेश करने के लिए कहा गया तो पहले तो स्कूल प्रशासन द्वारा मना किया गया, लेकिन बाद में जिस बच्चे को पेश किया गया वह दूसरा बच्चा था. साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात की जो दूसरा बच्चा पेश किया गया स्कूल की मैडम के साथ और उसे मैडम का बच्चा बताया गया, लेकिन वह मैडम का बच्चा ही नहीं था.

ज़ी मीडिया का उद्देश्य किसी भी स्कूल पर सवाल खड़ा करना नहीं है. उद्देश्य केवल जिला प्रशासन को प्रदूषण को लेकर दिए गए सख्त आदेश का कितना पालन हो रहा है, उसे आइना दिखाना 
है. 

Input: Amit Chaudhary

Trending news