चंडीगढ़: आशीष खेतान की ओर से पंजाब में पार्टी के ‘युवा घोषणा-पत्र’ की तुलना कथित तौर पर धार्मिक किताबों से करने के बाद आलोचना से घिरी आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसी कोई तुलना नहीं की और कुछ ‘भाषाई समस्या’ के कारण लोगों ने उनकी टिप्पणी का ‘गलत मतलब’ निकाल लिया ।


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आप की पंजाब इकाई के संयोजक सुचा सिंह छोटेपुर ने इस मामले में सफाई पेश करते हुए कहा कि खेतान का मकसद किसी समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं था । छोटेपुर ने कहा, ‘हमने भी यह कहते सुना था...उन्होंने कहा था कि यह (घोषणा-पत्र) उनके लिए गुरू ग्रंथ साहिब और गीता की तरह पवित्र है । लेकिन उन्होंने कभी इसकी तुलना धार्मिक किताबों से नहीं की । उनके कहने का मतलब था कि घोषणा-पत्र उनके लिए पवित्र है।’


उन्होंने कहा, ‘वहां कुछ भाषाई समस्या थी और लोगों ने इसका गलत मतलब निकाल लिया..इस मुद्दे को अब (राजनीतिक पार्टियों की ओर से) गलत रंग दिया जा रहा है ।’ आप नेता ने कहा कि खेतान को जब अपनी ‘गलती का अहसास’ हुआ तो उन्होंने अपने ‘हाथ जोड़कर’ माफी मांगी और इसलिए उन्हें ‘माफ कर देना चाहिए ।’ छोटेपुर ने विरोधियों से अपील की कि वे राज्य के व्यापक हित में इस मुद्दे को भड़काने की कोशिश न करें और उनसे राजनीतिक अखाड़े में मुकाबला करें ।