नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने डीएमआरसी के चौथे चरण की परियोजना में बिना कारण बताए ‘एकतरफा बदलाव’ किए. यह केंद्र और राज्य के बीच टकराव का नया मसला हो सकता है.


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दिल्ली परिवहन विभाग ने एक बयान में कहा कि अगर भारत सरकार का मानना है कि सिर्फ तीन ‘प्राथमिक गलियारों’ पर विचार करने की जरूरत थी तो यह दिल्ली सरकार को बताया जा सकता था और दिल्ली कैबिनेट सिर्फ इन तीन गलियारों को मंजूरी देती.


बयान में बताया गया है कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो द्वारा चौथे चरण के लिए प्रस्तावित सभी छह गलियारों को मंजूरी दी थी. हालांकि, भारत सरकार ने बाद में दिल्ली सरकार द्वारा मंजूर किए गए छह में से सिर्फ तीन गलियारों को मंजूरी दी.


उसमें बताया गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा एक बार परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी देने के बाद, भारत सरकार को इसमें एकतरफा बदलाव नहीं करने चाहिए थे. दिल्ली सरकार का स्पष्ट रूख यह है कि भारत सरकार को दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के सभी छह गलियारों को मंजूरी देनी चाहिए थी.


दूसरी ओर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली सरकार का यह आरोप बेबुनियाद और झूठा है कि केंद्र द्वारा अनुमोदित तीन गलियारों के लिए व्यय का दिल्ली सरकार का हिस्सा उसके पहले के प्रस्ताव से अधिक है.


मंत्रालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि चौथे चरण की परियोजना को रोकने के लिए और दिल्ली के लोगों को इसके फायदे से वंचित रखने का यह दिल्ली सरकार का एक और ‘प्रोपेगेंडा’ है.