नई दिल्ली : 31 दिसंबर 1926 की तारीख इतिहास का एक महत्वपूर्ण पन्ना है जिस दिन ‘नई दिल्ली’ शहर का नामकरण हुआ था जिसे आज हम देश की राजधानी के नाम से जानते हैं।


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ब्रिटिश सम्राट किंग जार्ज पंचम और उनकी पत्नी महारानी मेरी ने 12 दिसंबर 1911 को विशाल दरबार का आयोजन किया था जहां उन्हें भारत का ताज पहनाया गया था और राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित किए जाने की घोषणा की गयी थी।


बहरहाल, उस दिन तक नई राजधानी का नामकरण नहीं हुआ था। 15 दिसंबर को सम्राट और महारानी भारत में ताजपोशी दरबार में शामिल होने वाले पहले सम्राट दंपति बने और उन्होंने नए शहर के लिए दो आधारशिला पत्थर रखे जिन पर केवल तारीख खुदी हुई थी ‘15 दिसंबर 1911’।


‘भारत के सम्राट और महाराज’ के रूप में अपनी ताजपोशी के 15 साल बाद किंग जार्ज पंचम ने शहर का नामकरण ‘नई दिल्ली’ किया। तब तक नए बसाए जा रहे शहर को ‘नई राजधानी’ या ‘नई शाही राजधानी’ या ‘शाही शहर’ कहकर पुकारा जा रहा था। भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के उस काल के दस्तावेजों के अनुसार , 31 दिसंबर 1926 को सम्राट जार्ज पंचम ने आधिकारिक रूप से ‘नई दिल्ली’ नाम की घोषणा की।


गृह विभाग द्वारा इस संबंध में 1926 की सार्वजनिक अधिसूचना कहती है, ‘ एतद्वारा जनमानस को सूचित किया जाता है कि सम्राट ने नई राजधानी का नाम ‘नई दिल्ली’ रखे जाने को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।’ सर एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किए गए इस शानदार शहर ‘नई दिल्ली’ का आधिकारिक रूप से उद्घाटन फरवरी 1931 में तत्कालीन वायसराय लार्ड इर्विन द्वारा शानदार समारोह में किया गया। इससे संबंधित दस्तावेजों को यहां करीब महीने भर तक चलने वाली एक प्रदर्शनी में रखा गया है।