नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राज्य के अंतर्गत सभी विश्वविद्यालयों की सभी परीक्षाएं रद्द करने का निर्देश दिया है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि लॉकडाउन के कारण पढ़ाई पूरे सेमेस्टर में नहीं हो पाई है. अगर किसी विश्वविद्यालय में कुछ पढ़ाई हुई भी हो, तो लैब, लाइब्रेरी, प्रैक्टिकल, रिसर्च इत्यादि पूरी तरह बंद रहे. इसलिए पढ़ाई के बगैर परीक्षा कराना मुश्किल है. कोरोना संकट के कारण भी परीक्षा कराना संभव नहीं.  जुलाई का महीना उच्च शिक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मानना है कि अभूतपूर्व समय में हमें अभूतपूर्व निर्णय लेने होते हैं. आज का समय ऐसा ही अभूतपूर्व संकट का है. इसलिए दिल्ली सरकार ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में सभी सेमेस्टर तथा फाइनल ईयर की सारी परीक्षाओं को कैंसिल करने का निर्णय लिया है. किसी भी वर्ष की कोई परीक्षा नहीं होगी. सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि कोई लिखित परीक्षा कराए बगैर स्टूडेंट्स के पिछले सभी सेमेस्टर तथा पूर्व के आंतरिक कार्य तथा अन्य उचित आधार पर बच्चों के मूल्यांकन का फार्मूला निकालें. इस आधार पर बच्चों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट किया जाए. फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को भी उनके पूर्व सेमेस्टर के आधार पर मूल्यांकन करके डिग्री प्रदान करें.


उन्‍होंने कहा कि स्टूडेंट्स को तत्काल परीक्षा परिणाम देना आवश्यक है. स्टूडेंट्स को आगे की पढ़ाई करनी है. फाइनल ईयर के काफी स्टूडेंट्स कोई नौकरी करके अपने परिवार और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान करना चाहते हैं. इसलिए स्टूडेंट्स को अनिश्चितता के माहौल में छोड़ना उचित नहीं. लिहाजा, दिल्ली सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है.


सभी विश्वविद्यालय हर स्टूडेंट के मूल्यांकन का समुचित पैरामीटर तथा फॉर्मूला बनाकर उनके परीक्षा परिणाम जारी करें. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस निर्णय से लाखों बच्चों को राहत मिलेगी.


यह निर्णय सिर्फ राज्य के विश्वविद्यालयों पर लागू होगा. केंद्र के विश्वविद्यालयों में भी ऐसा कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा. इसमें सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश भर के सारे विश्वविद्यालयों में ऐसा निर्णय लेने का अनुरोध किया जाएगा.


जब लॉकडाउन शुरू हुआ, उस समय दिल्ली के स्कूलों में परीक्षाएं चल रही थीं. इसलिए दिल्ली सरकार ने नवीं तथा 11वीं की परीक्षाएं नहीं कराई. इंटरनल तथा मिड-टर्म के आधार पर उनका मूल्यांकन करके परिणाम निकाले गए. साथ ही, दिल्ली सरकार ने सीबीएसई द्वारा भी ऐसा फॉर्मूला लागू करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था. 10वीं तथा 12वीं में ऐसा निर्णय लागू हो चुका है. अब सिर्फ विश्वविद्यालयों में यह जटिलता शेष है, जिसके लिए उचित निर्देश दिया गया है.