नई दिल्ली: दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में पिछले दो दिनों से सुधार के बाद सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ गया. हवा की गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुये केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली की हवा को एक बार फिर ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में रखा है. इसकी वजह सप्ताहांत की छुट्टी के बाद सोमवार को सप्ताह के पहले दिन सड़कों पर वाहनों की संख्या में इजाफा माना जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि वाहनजनित प्रदूषण के कारण दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में गिरावट आयी है.


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इस बीच मौसम के बदले मिजाज को देखते हुए अगले कुछ दिनों तक हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में ही बने रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है. सीपीसीबी के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक हवा की गुणवत्ता का स्तर 326 के अंक को पार करने के बाद यह ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में पहुंच गई. रविवार को हवा की गुणवत्ता का स्तर 292 और शनिवार को 298 था. वायु गुणवत्ता सूचकांक में 301 से 400 के बीच के स्तर को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है. लंबे समय तक इस श्रेणी की हवा के संपर्क में रहने पर सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित होने का खतरा बढ़ जाता है.


विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले दो दिनों में दिल्ली और आसपास के इलाकों में हल्की बारिश के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के वायुमंडल में मौजूद प्रदूषण कण जमीन पर आने से हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ था. मौसम विभाग की सफर परियोजना के निदेशक गुफरान बेग ने बताया कि पिछले 24 घंटों में बारिश और हवा की गति थमने के बाद प्रदूषण के स्तर में अचानक उछाल दर्ज किया गया.


मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुये अगले 24 घंटों में तापमान की गिरावट और हवा की नमी का रुख बरकरार रहने के मद्देनजर प्रदूषण के स्तर में गिरावट की कोई उम्मीद नहीं है. दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के जिम्मेदार तत्वों, पीएम 2.5 अपने सामान्य स्तर 60 के मुकाबले 154 और पीएम 10 सामान्य स्तर 100 के मुकाबले 243 पर रहा. प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुये चिकित्सा विशेषज्ञों ने सांस, हृदय और फेंफड़े के रोगियों की परेशानी बढ़ने की आशंका जताते हुये इन्हें खुली हवा के संपर्क से बचने का परामर्श दिया है.