नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा कदम उठाते हुए शहर की सरकार ने नई ‘ई रिक्शा सेवा योजना’ को अधिसूचित कर बैट्री चालित रिक्शा के राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर फिर से दौड़ने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।


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कैबिनेट ने 24 दिसंबर को एक अध्यादेश को लागू करने की मंजूरी दी थी और कुछ ही दिनों बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। दरअसल, इन वाहनों के नियमन से जुड़ा एक विधेयक संसद में पारित नहीं हो सका है।
यहां के परिवहन विभाग के मुताबिक ई रिक्शा अब परिवहन वाहन के रूप में पंजीकृत होगी। ये पंजीकरण सीरिज डीएल 1 ईआर के तहत पंजीकृत होंगी और इन्हें कांट्रेक्ट कैरिज परमिट (बगैर किराया मीटर के) मिलेगा।


नई योजना के तहत ई रिक्शा में चालक को छोड़कर चार लोगों के बैठने की क्षमता होनी चाहिए, साथ ही इस पर अधिकतम 40 किलोग्राम सामान लादा जा सकेगा। नई योजना में कहा गया है कि इसके परिमट धारक का नाम, पता, फोन नंबर वाहन की बांयीं ओर लिखा होगा। हालांकि, नये नियमों में किराये के किसी ढांचे को शामिल नहीं किया गया है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ई रिक्शा के मालिक के पास इसे चलाने के लिए वैध लाइसेंस होना चाहिए। आवेदक के पास कोई अन्य ई रिक्शा या परिवहन वाहन का परमिट नहीं होना चाहिए। ऐसे वाहनों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स और अग्निशमन यंत्र भी होना चाहिए। नये नियमों के तहत इसके अलावा विभाग का हेल्पलाइन नंबर 4000-400 और दिल्ली पुलिस का 1095 नंबर भी वाहन पर दर्ज होना चाहिए।


नए नियमों के तहत यदि ई रिक्शा पर किसी महिला से छेड़छाड़ होती है तो यह चालक या परिमट धारक की जिम्मेदारी होगी कि वह फौरन पुलिस को सूचना दे और पीड़िता को पास के पुलिस थाने में ले जाए।