नई दिल्‍ली/बागपत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बागपत में देश के पहले स्मार्ट और हरित राजमार्ग ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया. यहां उन्‍होंने कहा कि 'मई की इस गर्मी में आपका इतनी बड़ी में हम सभी को आशीर्वाद देने के लिए आना इसका गवाह है कि चार साल में हमारी सरकार देश केा सही दिशा में ले जाने में सफल हुई है. इतना प्‍यार तब होता है, जब सेवक से उसका विधाता खुश होता है.'


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पीएम द्वारा कही गई मुख्‍य बातें...


आज आपका ये प्रधानसेवक फिर से आपके सामने नतमस्‍तक होकर आपका अभिवादन करता है.


आज दिल्‍ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्‍तर और हरियाणा के लिए बड़ा दिवस है. दो बड़ी सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन किया है.


ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर 11000 हजार करोड़ और दिल्‍ली मेरठ एक्‍सप्रेस पर 850 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. 


आज जब इस नई सड़क पर चलने का मुझे अवसर मिला तो अनुभव किया कि 14 लेन का सफर दिल्‍ली-एनसीआर के लोगों के जीवन को कितना सुगम बनाने वाला है.


इस एक्‍सप्रेस-वे पर कहीं कोई रुकावट नहीं, कंक्रीट के साथ हरियाली का भी मेल है.


दिल्‍ली-एनसीआर में जाम की एक बहुत बड़ी समस्‍या है, जो हर साल और बड़ा रूप लेती जा रही है, जोकि प्रदूषण का एक बड़ा कारण भी है.


बिजली की जरूरत भी इस एक्‍सप्रेस वे पर सोलर एनर्जी से पूरी की जाएगी.


सवा सौ करोड़ देशवासियों के जीवन स्‍तर को ऊपर उठाने में इंफ्रास्‍टक्‍चर विकास की भी बड़ी भूमिका है.


इंफ्रास्‍ट्रक्‍चरजात-पात, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब किसी में भेदभाव नहीं करता.


4 साल पहले जहां एक दिन में 12 किलोमीटर हाइवे बनते थे आज करीब 27 किलोमीटर एक दिन में बनते हैं.


जहां कांग्रेस की यूपीए सरकार चार साल में 60 पंचायतों को ही ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ पाई थी, वहीं हमने एक लाख से ज्‍यादा पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया है.


काम कैसे होता है, मेरा देश भली-भांति इसे अनुभव कर रहा है.


बीते चार सालों में पिछड़े-दलितों के लिए बहुत काम किए हैं.


जिनके मन में स्‍वार्थ, वो घडियाली आंसूओं की राजनीति करते हैं.


कांग्रेस को देश का विकास भी मजाक लगता है.


महिलाओं को मुफ्त गैस का कनेक्‍शन देना भी कांग्रेस को मजाक लगता है.


OBC समाज से किए वायदों को मैं हर हाल में पूरा करूंगा.


कांग्रेस पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी सत्‍ता देखना चाहती है.


चुनाव में हारे लोग राजनीति की सीमा में रहें.


खेत ठेके पर देने पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने की बात अफवाह है.


गन्‍ना किसानों को चीनी मिलों से बकाया देने को लेकर हमने तय किया है प्रति क्विंटल गन्‍ने पर 5 रुपये 50 पैसे की आर्थिक मदद चीनी मिल को दी जाएगी, लेकिन यह राशि चीनी मिल मालिकों को न मिलकर सीधी-सीधी गन्‍ना किसान के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी.


गन्‍ना किसानों का पैसा चीनी मिलों में नहीं फंसेगा.