नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रॉबर्ट वाड्रा के दिल्ली स्थित दफ्तर पर छापा मारा है. जानकारी के मुताबिक, वाड्रा के करीबीयों के तीन ठिकानों पर ED ने छापा मारा है. वाड्रा के वकील ने कहा कि हमारे लोगों को भीतर बंद कर दिया गया है. किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है. उनके वकील ने कहा कि यह जेल में कैद करने की तरह है जो गलत है. बता दें, जिन लोगों को भीतर बंद किया गया है वे स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के लिए काम करते हैं.


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प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ED ने बेंगलुरू में भी वाड्रा के करीबीयों के ठिकानों पर छापा मारा गया है. वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने कहा कि एक न्यूजपेपर के मुताबिक, मेरे क्लाइंट को ED की तरफ से तीन समन जारी किए गए हैं, लेकिन सच ये है कि हमें एक भी समन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ED के अधिकारियों के पास सर्च वारंट नहीं है, इसके बावजूद छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. यहां तक की मुझे भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है.


 



 


जानकारी के मुताबिक, जिन लोगों के ठिकानों पर छापा मारा गया है उनके बैंक अकाउंट में डिफेंस सप्लायर्स की तरफ से बड़ी रकम ट्रांसफर की गई है. इसका सबूत प्रवर्तन निदेशालय के पास है.



 


उनके वकील ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में कुछ नहीं मिला है. उन्होंने आरोप लगाया कि हमें बाहर कर दिया गया है और अंदर जाकर झूठे सबूत बनाने में जुट गए हैं.


 



 


हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा को समन भेजा था जिसपर उन्होंने सरकार पर राजनीति रूप से पीछे पड़ने और सरकारी विभागों के जरिये उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, 'पिछली बार उन्होंने दस्तावेजों के लिए समन किया. मेरे वकील वहां तीन घंटे तक बैठे और विस्तृत दस्तावेज सौंपे. यह बड़ी अजीब बात है कि मुझे 24 घंटे के भीतर एक और समन भेज दिया गया, जबकि मेरी तरफ से सौंपे गए 600 दस्तावेजों पर गौर भी नहीं किया.'