नई दिल्ली: हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया है। इस नए नामकरण के लिए खट्टर सरकार ने महाभारत का संदर्भ दिया है। इलाके के लोग लंबे समय से गुड़गांव जिले का नाम बदलकर गुरुग्राम रखने की मांग कर रहे थे। ऐसी किंवदंती है कि गुड़गांव का नाम गुर द्रोणाचार्य के नाम पर रखा गया है। गौर हो कि हरियाणा भागवत गीता की ऐतिहासिक भूमि है और गुड़गांव शिक्षा का केंद्र रहा है।


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महान गुरु भक्त एकलव्य का हरियाणा के गुड़गांव से गहरा संबंध है। पौराणिक मान्यता है कि इस स्थान पर ही गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य से उसका अंगूठा मांगा था ताकि धनुष विद्या में वह धनुर्धर अर्जुन का मुकाबला नहीं कर सके। गुरुग्राम में ही एकलव्य ने अपना अंगूठा काट कर गुरु दक्षिणा दी थी। आज इस शहर की पहचान भले ही मॉर्डर्न और हाईटेक सिटी के रूप में लेकिन इसकी अपनी अनूठी सांस्कृतिक विरासत है।


महाभारत में पांडव और कौरवों को धर्म की सीख देने वाले गुरु द्रोणाचार्य का गांव, गुरुग्राम यहीं है। गुड़गांव वहीं जगह है जहां अर्जुन ने चिड़िया की आंख में निशाना लगाया था। साथ ही कुरूक्षेत्र में होने वाले महाभारत के युद्ध की तैयारी भी इसी स्थान पर हुई थी। आज भी मध्य प्रदेश और दक्षिणी राजस्थान से भील जाति के लोग यहां स्थित एकलव्य के मंदिर में पूजा करने आते हैं।


प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं में गुड़गांव का उल्लेख एक महत्वपूर्ण नगर के रूप मे मिलता है। इसका पौराणिक नाम गुरुग्राम है, अर्थात गुरु (द्रोणाचार्य) का ग्राम। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि महाभारत काल में राजा युधिष्ठिर ने गुड़गांव को अपने धर्मगुरु द्रोणाचार्य को उपहार स्वरूप प्रदान दिया था। आज भी उनके नाम पर एक तालाब के भग्नावशेष और एक मंदिर प्रतीक के तौर पर विद्यमान हैं। इस कारण इसका नाम गुरुग्राम पडा, जो बाद में संस्कृत से अपभ्रंश होकर गुरुगांव और फिर स्थानीय बोलचाल के हिसाब से गुड़गांव कहलाने लगा।