नई दिल्ली: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो चुका है. इसका रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे. इस एक्सप्रेस-वे के तैयार होने से सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जो दिल्ली और मेरठ के बीच रोजाना ट्रेवल करते हैं. अब मेरठ तक का कई घंटों का रास्ता सिर्फ 45 मिनट में तय किया जा सकेगा. जानकारी के मुताबिक, इस शानदार एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए 800 करोड़ से ज्यादा खर्ज किए गए हैं. खास बात यह है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे भारत का पहला 14 लेन का एक्सप्रेस-वे है.


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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की खासियत
दिल्ली-मेरठ हाईवे दिल्ली से डासना तक 14 लेन का है.
डासना से मेरठ तक यह हाईवे 6 लेन का हो जाएगा.
दिल्ली-मेरठ हाईवे का काम 15 महीने में पूरा किया गया है.



हाईवे को बनाने के लिए 30 महीने का टारगेट रखा गया था.


देश के सबसे हाईटेक हाईवे है 'ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे', 11,000 करोड़ में बनकर हुआ तैयार


इस हाईवे के दोनों तरफ वर्टिकल गार्डन विकसित किए गए हैं.
सड़क के दोनों तरफ ढाई मीटर का साइकिल पाथ भी बनाया गया है.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर सोलर सिस्टम से लैस लाइटें लगी हैं.
इस एक्सप्रेस वे पर कुतुब मीनार, अशोक स्तंभ जैसे पुरातत्व विरासतों के स्मारक चिह्न भी स्थापित किए गए हैं.
एक्सप्रेस वे के बनने के बाद 45 मिनट में दिल्ली से मेरठ पहुंच सकेंगे.


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एक्सप्रेस वे को बनाने में 842 करोड़ की लागत आई है.
इस हाईवे पर 5 फ्लाईओवर हैं और 4 अंडरपास हैं.
4 फुटओवर ब्रिज भी इस एक्सप्रेसवे पर बने हैं, एक्सप्रेस-वे सिग्नल फ्री है.


एक्सप्रेस-वे का दिल्ली में 8.7 km हिस्सा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का दिल्ली में 8.7 किलोमीटर हिस्सा है, जबकि गाजियाबाद में 42 किलोमीटर का हिस्सा आता है. इसके बाद डासना के पास यह एक्सप्रेस-वे इस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से मिल जाएगा. पहले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन अप्रैल में होना था, लेकिन काम पूरा नहीं होने की वजह से इसे टाल दिया गया था.



एक्‍सप्रेस-वे पर आई 11,000 करोड़ रुपये की लागत
पूरे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को तैयार करने में 11,000 करोड़ रुपये की लागत आई है. यह देश का पहला राजमार्ग है, जहां सौर बिजली से सड़क रोशन होगी. इसके अलावा प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ वर्षा जल संचय की व्यवस्था होगी. इस एक्सप्रेस-वे पर 8 सौर संयंत्र हैं, जिनकी क्षमता 4 मेगावाट है. यहां पढ़ें, पूरे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे की खासियत