नई दिल्लीः मी टू प्रकरण को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में दिल्ली की राॅउस एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. एडीशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की अदालत में पत्रकार प्रिया रामानी का बयान दर्ज कराया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी.


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अपने बयान में रमानी ने कहा कि मैंने सच बोला है.जब मैंने अपने अनुभव का खुलासा किया.वोग पत्रिका में मेरी पहली नौकरी का साक्षात्कार और मेरे ट्वीट.महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के बारे में बताने के लिये महत्वपूर्ण थे.हममें से कई लोगों का मानना है कि चुप भी रहा जा सकता था.चुप रहकर मैं बाद के इन विवादों टाल सकती थी लेकिन ऐसा करना सही नहीं होता.अपने सभी खुलासों में, मैंने सार्वजनिक हित और जनता की भलाई में सच बोला है.



मुझे उम्मीद थी कि मी टू प्रकरण में हुए खुलासे महिलाओं को बोलने और कार्यस्थल पर उनके अधिकारों को बेहतर तरीके से समझने के लिए उन्हें सशक्त करेंगे.अपने सभी खुलासों में, मैंने सार्वजनिक हित और जनता की भलाई में सच बोला है.मुझे उम्मीद है कि मी टू आंदोलन में हुए खुलासे से महिलाओं को बोलने और कार्यस्थल पर उनके अधिकारों को बेहतर तरीके से समझने के लिए उन्हे सशक्त करेंगे.यह मामला मेरे लिए एक बड़े व्यक्ति के खिलाफ था.


मेरे पास इससे हासिल करने के लिए कुछ नहीं है.मैं एक सम्मानित पत्रकार हूं.मैं बैंगलोर में अपने परिवार के साथ एक शांति से जीवन बिता रही हूं.किसी भी महिला के लिए इस तरह के खुलासे करना आसान नहीं है.