नई दिल्ली : जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की मां और 30 अन्य को दिल्ली पुलिस ने सोमवार को उच्च न्यायालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया . उधर, जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में ‘‘दिलचस्पी के पूर्ण अभाव’’ और किसी नतीजे पर नहीं पहुंचने को लेकर सीबीआई को सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने डांट लगाई.


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पुलिस सूत्रों ने बताया कि नजीब की मां फातिमा नफीस और जेएनयू के छात्र उच्च न्यायालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे और परिसर के भीतर घुसने की कोशिश के दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया.  पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) बी के सिंह ने कहा, ‘‘नजीब की मां सहित करीब 35 लोगों को हिरासत में लिया गया . ’’उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को बाराखंभा रोड थाने ले जाया गया . इनमें अधिकतर छात्र थे . 


जेएनयू छात्रों ने यह आरोप भी लगाया कि पुलिस ने नफीस और उन लोगों को हिरासत में लेने के नाम पर उनके साथ ‘‘धक्कामुक्की’’ की . जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष मोहित कुमार पांडे ने आरोप लगाया, ‘‘दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने नफीस से कहा कि उनके पास देखने के लिए केवल यही एक मामला नहीं है और हिरासत में लेने के दौरान उनके साथ बदसलूकी की . ’’


जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में ‘‘दिलचस्पी के पूर्ण अभाव’’ और किसी नतीजे पर नहीं पहुंचने को लेकर सीबीआई को सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने डांट लगायी. गौरतलब है कि मामले की जांच पांच महीने पहले सीबीआई को सौंपी गई थी.


न्यायमूर्ति जी. एस. सिस्तानी और न्यायमूर्ति चन्द्रशेखर की पीठ ने दलीलों के दौरान कहा कि सीबीआई द्वारा मौखिक रूप से दी गयी जानकारी और सौंपी गयी स्थिति रिपोर्ट में विरोधाभास से वह ‘‘बहुत नाखुश’’ है.


एम. एससी बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब (27) जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास से 15 अक्तूबर, 2016 को लापता हो गया था. घटना से एक रात पहले नजीब की संघ परिवार से जुड़ी छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्रों के साथ झड़प हुई थी.