नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को ट्यूबवेल से अवैध तरीके से भूमिगत जल निकालने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.


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एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अवैध तरीके से ट्यूबवेल लगाना पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 के तहत अपराध है और अधिकारियों को ऐसे लोगों से मुआवजा वसूलने के अलावा उनके खिलाफ मुकदमा शुरू करना चाहिए.



अधिकरण ने अधिकारियों को सील किये गये ट्यूबवेल को फिर से खोले जाने से रोकने के लिए उन्हें वहां से हटाने और उपकरणों को जब्त करने का निर्देश दिया है.


पीठ ने कहा, ‘अवैध तरीके से पानी निकालने के विरूद्ध एक सार्वभौम दृष्टिकोण अपनाने के लिये डीपीसीसी और डीजेबी इस संबंध में एक नीति अपनाए.’ इसने यह भी कहा कि एक महीने के अंदर ईमेल के माध्यम से मामले में कार्यवाही रिपोर्ट पूरी हो जानी चाहिए.


अधिकरण शहर के निवासी अब्दुल फारुख की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.