नई दिल्ली : जरा कल्पना करें कि आसमान में उड़ान भर रहे विमानों से मानव मल आपके शरीर या आपके मकान पर गिराया जा रहा हो। एक पूर्व वरिष्ठ थलसेनाकर्मी ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे के पास के रिहायशी इलाकों में विमानों की ओर से कथित तौर पर मानव मल गिराया गया। इस शिकायत पर अधिकरण ने इस पूर्व थलसेनाकर्मी के दक्षिण दिल्ली स्थित घर के निरीक्षण का आदेश दिया है।


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लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) सतवंत सिंह दहिया ने वाणिज्यिक एयरलाइनों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग की और निवासियों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने के लिए उन पर भारी जुर्माना लगाने का भी अनुरोध किया। दहिया ने आरोप लगाया कि यह स्वच्छ भारत अभियान का उल्लंघन है।


याचिकाकर्ता की दलीलों पर गौर करते हुए अधिकरण ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को निर्देश दिया कि वह एक वरिष्ठ पर्यावरण इंजीनियर से दहिया के घर का निरीक्षण कराए और दीवारों पर मानव मल के होने की जांच करे।


अधिकरण ने पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड से यह भी कहा कि यदि मानव मल पाया जाता है तो छानबीन के लिए नमूने इकट्ठा करके इस संबंध में रिपोर्ट पेश की जानी चाहिए। अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और सीपीसीबी को इस मामले में नोटिस भी दिये हैं। इन सभी को दो हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब देना है।