चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र 60 साल से घटाकर 58 साल करने के फैसले के विरूद्ध दायर एक याचिका पर हरियाणा सरकार को आज नोटिस जारी किया।


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न्यायमूर्ति तेजिंदर सिंह ढ़ींढसा ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर आठ दिसंबर तक जवाब मांगा है। बलजीत कौर और अन्य ने सेवानिवृति की उम्र 60 वर्ष से घटाकर 58 वर्ष करने के मनोहर लाल खट्टर सरकार के हाल के निर्णय के विरूद्ध याचिका दायर कर रखी है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार के इस फैसले से 40 हजार कर्मचारियों पर असर पड़ेगा।


पिछली भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने राज्य में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 कर दी थी जिसे भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद हाल ही पलट दिया गया। राज्य सरकार का फैसला खट्टर सरकार पर 200 करोड़ रूपए अतिरिक्त बोझ डाल सकता है। उसे अब अगले दो साल में सेवानिवृत होने जा रहे कर्मचारियों को विभिन्न लाभों के रूप में 1500 करोड़ रूपए व्यय करने होंगे। हरियाणा सरकार के फैसले का विपक्षी कांग्रेस ने आलोचना की है।