हिसार: लोकसभा चुनाव 2019 का वक्त नजदीक आ रहा है. ऐसे में आरक्षण ना मिलने से खफा जाट समुदाय के नेता अब बीजेपी के खिलाफ अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं. हरियाणा सहित देश के कई राज्यों में जाट नेता 'जाट संदेश यात्रा' निकालने की तैयारी में हैं. यात्रा उन 100 लोकसभा क्षेत्रों में गांव-गांव जाएगी, जहां जाट समुदाय की संख्या ज्यादा है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक हिसार में जाट समुदाय के नेताओं की इस बाबत मीटिंग लेने पहुंचे.


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यशपाल मलिक ने कहा कि आरक्षण के नाम पर बीजेपी नेता अपने वायदों पर खरा नहीं उतरे हैं. ऐसे में अब इन नेताओं की पोल खोलने की तैयारी की गई है. वादाखिलाफी का अंजाम बीजेपी को जाट बाहुल्य 100 लोकसभा क्षेत्रों में भुगतना पड़ेगा. मलिक ने कई राज्यों में वहां के दलों के बीच हो रहे गठबंधनों पर अपने आंदोलन को मजबूती मिलने वाला बताया. उन्होंने कहा कि पहले जाट समुदाय बंट जाता था. लेकिन, दलों के गठबंधनों के बाद जाट एकजुट होगा. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली में दो-दो, तीन-तीन राजनीतिक दल हैं. इनकी एकजुटता से जाटों को भी मजबूती मिलेगी और बीजेपी को सबक सिखा पाएंगे. 


आगजनी आंदोलन हरियाणा के मंत्रियों की देन
जाट समुदाय को आरक्षण दिलवाने के लिए हरियाणा में फरवरी 2016 में आंदोलन के दौरान हुई आगजनी की घटनाओं से हम सभी वाकिफ हैं. लेकिन उस आंदोलन पर जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा कि आंदोलन की शुरूआत हमने नहीं की थी. वो हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के मौसा आजाद पंवार ने संघर्ष समिति रजिस्टर्ड करवाकर किया था. बीजेपी ने 2016 में हरियाणा को जाट-गैर जाट में बांटने की शुरूआत की थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आंदोलन में हिंसा हरियाणा के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर-राजकुमार सैनी की ओबीसी बिग्रेड ने की थी.


उन्होंने कहा कि हरियाणा को बांटने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़ सहित एक टीम सक्रिय थी. जाट नेता मलिक ने कहा कि हरियाणा में बीजेपी द्वारा बनाए गए जाट-गैर जाट के माहौल को ठीक करने और उस दौरान बिगड़े भाईचारे को दोबारा बनाने के लिए जाट भाईचारा यात्रा चलाई गई है.


हमें नहीं मिला 10 फीसदी में आरक्षण
जाट नेता यशपाल मलिक ने हाल ही में सरकार द्वारा दिए गए 10 फीसदी आरक्षण को लेकर कहा कि हमें आरक्षण नहीं मिला है, जिन्हें मिला है वो ठीक है. अगर जाट समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण में सरकार शामिल करती है, तो उसके लिए पुराने बिल को कैंसिल करना होगा. जब तक वो कैंसिल नहीं होगा, तब तक 10 फीसदी के कोटे में हमें आरक्षण मिल ही नहीं सकता.