G20 Countries: जी-20 समिट के लिए अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही हैं. 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधि और अन्य मेहमान 8 से 10 सितंबर तक दिल्ली में डेरा डाले रहेंगे. जी-20 को कामयाब बनाने के लिए दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना भी फील्ड में उतरे हुए हैं. राजधानी की सूरत बदलने में कोई कमी रखी नहीं जा रही है.


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दिन रात काम कर रहीं ये संस्थाएं


काम में कॉर्डिनेशन के लिए अलग-अलग विभागों और एजेंसियों को एक साथ लाना बड़ा चैलेंज था. नई दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (NDMC), इंडिया ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गनाइजेशन (ITPO), दिल्ली डेवेलपमेंट अथॉरिटी (DDA), पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD), MCD, भारतीय वायुसेना (IAF) और दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) एलजी की अगुआई वाली टीम में काम रहे हैं. इन संस्थाओं के साथ एलजी अब तक कई बैठकें कर चुके हैं.


इन विभागों के साथ एलजी ने अब तक दो दर्जन से ज्यादा हाई लेवल बैठकें की हैं. अलग-अलग तारीखों पर कुल मिलाकर 48 घंटे तक मीटिंग्स चली हैं. 



डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन


दरअसल जी-20 की तैयारियों के लिए कमर पहले ही कस ली गई थी. जुलाई की शुरुआत में एलजी ने डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया, जिसमें सभी विभागों और एजेंसियों के प्रतिनिधि और वरिष्ठ IAS अफसर शामिल थे. इसमें तय किया गया कि वक्त पर सभी एजेंसियां और विभाग अपना काम जमीनी स्तर पर खत्म करेंगे. अब तक इन कमेटियों की 5 बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें पहले और बाद की तस्वीरों के साथ खुद एलजी ने स्टेटस रिपोर्ट का मुआयना किया.


गौरतलब है कि एलजी ने जुलाई के महीने में ही तय किया था कि वह रिपेयर, रेस्टोरेशन और सौंदर्य से जुड़े कामों की समीक्षा करने खुद सड़कों पर उतरेंगे. दिल्ली के विभिन्न इलाकों के अलावा एलजी ने राजघाट, होटल्स, एयरोसिटी, भिकाजी कामा पैलेस और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का दौरान किया. 



LG ने किया ITPO का दौरा


दिल्ली इस साल जुलाई में बाढ़ की मार से कराह रही थी. कई इलाके पानी में डूब गए थे. इसके बाद एलजी ने आईटीपीओ एरिया का कई बार दौरा किया है. इसी जगह जी-20 सम्मेलन का आयोजन होना है. दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गज यहीं जुटेंगे. लिहाजा समारोह से पहले ही प्रगति मैदान टनल को बाढ़ रोधी बनाया गया है. साथ ही इलाके की शक्ल-सूरत बदली दी गई है. समिट से पहले विभिन्न सड़कों और इलाकों से 15000 मीट्रिक टन सॉलिड वेस्ट को साफ कराया गया है.