Delhi Liquor Scam: क्या है शराब घोटाले की सच्चाई? AAP ने कर दिया बड़ा खुलासा
Delhi Liquor Scam Exposed: दिल्ली की मंत्री आतिशी मार्लेना (Atishi Marlena) ने नई आबकारी नीति के जरिए दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) के आरोप को निराधार बताया है. आतिशी ने कहा कि ईडी-सीबीआई इससे जुड़ा कोई भी सबूत अदालत में पेश नहीं कर पाई हैं.
Delhi Liquor Scam Truth: दिल्ली (Delhi) की शिक्षा मंत्री और आप नेता आतिशी मार्लेना (Atishi Marlena) ने आज (रविवार को) दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) को लेकर बड़ा खुलासा किया. आतिशी मार्लेना ने कहा कि विरोधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर-करके बार-बार ये आरोप लगा रहे हैं कि दिल्ली में शराब घोटाला हुआ. जो आरोप बीजेपी के प्रवक्ता लगाते रहे वही आरोप ईडी और सीबीआई की चार्जशीट में आ गए. 6 महीने से ज्यादा समय से ईडी-सीबीआई जांच कर रहे हैं. उन्होंने कुल मिलाकर 500 से ज्यादा अफसर इस तथाकथित शराब घोटाले की जांच में लगाए हैं. इस शराब घोटाले में मुख्य रूप से दो आरोप हैं. पहला आरोप है कि नई शराब नीति बनाने के बदले में शराब कारोबारियों से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत या किकबैक लिए गए. दूसरा आरोप है कि ये 100 करोड़ रुपये जो शराब कारोबारियों से लिए गए उसको आप ने गोवा के चुनाव में लगाया.
शराब घोटाले का नहीं है कोई सबूत
आप मंत्री आतिशी ने कहा कि लेकिन जो इस केस में गिरफ्तार थे राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा, उनको शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी. 86 पेज का ऑर्डर कोर्ट ने दिया है. 100 करोड़ छोड़िए, 30 करोड़ छोड़िए एक नए पैसे के भ्रष्टाचार का सबूत ईडी और सीबीआई के पास नहीं है. बार-बार इस 86 पेज के ऑर्डर में जज सिर्फ एक बात दोहरा रहे हैं कि कोई भी सबूत ईडी-सीबीआई ने उनके सामने नहीं रखा है.
नहीं लिया गया कोई नया पैसा
आतिश मार्लेना ने कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट का शनिवार का ऑर्डर जरूर पढ़ना चाहिए जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि एक भी नए पैसे की रिश्वत लेने का सबूत ईडी के पास नहीं है. आतिशी ने बताया कि ऑर्डर में राजेश जोशी के मामले में कोर्ट ने कहा कि किसी का नंबर किसी के फोन में सेव होना सबूत नहीं माना जा सकता है. इसके अलावा आतिशी ने राजेश जोशी को एक छोटा वेंडर बताया और कहा कि वे होल्डिंग पोस्टर आदि लगाते हैं. नए पैसे के लेनदेन का कोई सबूत नहीं मिला है.
पैसे गोवा ले जाने का आरोप भी निराधार
आतिशी मार्लेना ने कहा कि पहले 100 करोड़ की रिश्वत की बात हो रही थी. फिर ईडी घटकर 30 करोड़ तक आ गई है. इसके बाद कहा गया कि इन पैसों को गोवा ले जाया गया. लेकिन कोर्ट के सामने ईडी इसका कोई सबूत नहीं रख पाई. कोर्ट के इस ऑर्डर ने ईडी और सीबीआई की पर्दाफाश कर दिया है. साबित हो चुका है कि ईडी-सीबीआई की चार्जशीट पीएम कार्यालय में लिखी जाती है. इसके बाद उनसे कहा जाता है कि गवाह और सबूत ढूंढिए.
ईडी-सीबीआई नहीं पेश कर पाई सबूत
आप मंत्री आतिशी मार्लेना एक चीज अब देश के सामने आ गई है कि जो कुछ भी शराब घोटाले के नाम पर बताया जा रहा है वो बेबुनियाद है, निराधार है. किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ है. कोर्ट के ऑर्डर से ये साफ हो चुका है. झूठे आरोप लगाने वालों को माफी मांगनी चाहिए जो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को बदनाम कर रहे हैं. ईडी और सीबीआई अभी तक कोई भी सबूत कोर्ट में सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के खिलाफ पेश नहीं कर पाई है.
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