Delhi News: आम आदमी पार्टी का आरोप है कि पिछले कुछ महीनों से दिल्ली नगर निगम के कई काम रुके हुए हैं. दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताबें, स्कूल बैग और स्कूल ड्रेस अब तक नहीं मिली है, जिसका कारण है स्टैंडिंग कमेटी का ना बन पाना. इसी वजह से बच्चों के उसका पैसा अकाउंट में दिया जा रहा है. दिल्ली नगर निगम कमिश्नर की वित्तीय शक्तियां केवल 5 करोड़ तक के कॉन्ट्रैक्ट करने की है. इस वजह से 5 करोड़ के बड़े कांट्रैक्ट उनके द्वारा नहीं दिए जा सके हैं. अब से पहले 5 करोड़ से अधिक की राशि वाले टेंडर और कॉंट्रैक्ट को नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी द्वारा पास किया जाता था और उसके बाद दिल्ली नगर निगम आयुक्त उस टेंडर को जारी किया करते थे. यह इसलिए था ताकि आयुक्त के ऊपर चुने हुए निगम के प्रति जवाबदेही बनी रहे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

LG पर लगाए गंभीर आरोप
आप ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने गैरकानूनी तरीके से भाजपा के पदाधिकारियों को एल्डरमैन बनाया.  इस वजह से आज तक स्टैंडिंग कमिटी नहीं बन सकी है. आज नगर निगम की इस समस्या का सबसे बड़ा कारण उपराज्यपाल का राजनीतिक रवैया ही है. स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो पाने के कारण ही 5 करोड़ के अधिक राशि के कार्य रुके हुए हैं. इसका निवारण करने के लिए दिल्ली नगर निगम ने एक रेजोल्यूशन पास किया था, जिसमें सभी स्टैंडिंग कमिटी की शक्तियां नगर निगम के सदन को दे दी गई थी. ताकि 5 करोड़ से बड़े काम नगर निगम के सदन द्वारा पास किए जा सकें.


ये भी पढ़ें: 'मिस यू केजरीवाल अंकल' की तख्ती और भारी भीड़, क्या रोड शो में दिख गया दिल्ली का मूड


5 करोड़ से अधिक का टेंडर नहीं पास कर सकता नगर आयुक्त
5 करोड़ से अधिक राशि वाला टेंडर नगर निगम आयुक्त द्वारा पास  नहीं किया जा सकता है और क्योंकि लगभग पिछले डेढ़ साल से दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो सका है और इस वजह से कई ऐसे महत्पूर्ण कार्य हैं जो रुके हुए हैं. इस बात की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली नगर निगम के सदन ने जनवरी में एक रेजोल्यूशन पास किया, जिसमें यह कहा गया कि जो जो शक्तियां स्टैंडिंग कमेटी के पास होती हैं. वह सभी शक्तियां सदन को दे दी जाएं, ताकि जो भी कार्य 5 करोड़ से अधिक राशि वाले हैं सदन उसे पास कर सके और नगर निगम के सभी कार्य सुचारू रूप से चलाए जा सकें.