MCD और Gujarat के बाद 2024 पर AAP की नजरें, चर्चा के लिए बुलाई राष्ट्रीय परिषद की बैठक
दिल्ली नगर निगम और गुजरात चुनाव परिणाम के बाद आम आदमी पार्टी 2024 आम चुनाव को साधने में जुटी है. AAP 2024 चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए बैठक 18 दिसंबर को बुलाई है.
नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi MCD Election) और गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Election) में आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) ने 5 सीटें जीती और नेशनल पार्टी बन गई. अब AAP साल 2024 में होने वाले लोकसभा की तैयारियों में जुट गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई है जो कि 18 दिसंबर को होने वाली है. राष्ट्रीय परिषद की इस बैठक में आप के देशभर से जनप्रितनिधियों समेत कई राज्यों के नेता भी शामिल होंगे.
गुजरात चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद AAP बनी राष्ट्रीय पार्टी
इस बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Election) को ध्यान में रखते हुए AAP तैयारियों को लेकर चर्चा करेगी. गुजरात विधानसभा चुनाव में लगभग 13% वोट पाने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टियों (National Party) की श्रेणी में शामिल हुई है. आप और अरविंद केजरीवाल के लिए ये उपलब्धि बहुत ही खास है. आप को गुजरात में ये 5 सीटें मिली, जिसके लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी है. पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल (Arvind Kerjriwal) के साथ पार्टी के कई बड़े गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान जमकर प्रचार करते हुए भी नजर आए थे. जिसका फल उन्हें राष्ट्रीय पार्टी बनकर मिल गया है.
चुनावों के प्रचार में हर तबके के लोगों तक पहुंचे केजरीवाल
गुजरात विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को तगड़ा नुकसान पहुंचाया. जहां आप ने कांग्रेस को पड़ने वाला वोटों को अपने खाते में कनवर्ट किया और 5 सीटें जीतीं. इस बार गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ताबड़तोड़ कई रैलियां कीं. जहां केजरीवाल ने गुजरात में हर समाज के व्यक्ति तक अपनी पहुंच बनाई. केजरीवाल ने हर तबके के लिए कई घोषणाएं और चुनाव प्रचार के हर मंच से दिल्ली और पंजाब का उदाहरण देने का क्रम जारी रखा, लेकिन फिर भी आप को हार का सामना करन पड़ा.
हिमाचल प्रदेश में नहीं खुल पाया AAP का खाता
आम आदमी पार्टी को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा. यहां पार्टी अपना खाता खोलने में नाकाम रही. वहीं कांग्रेस ने 68 सीटों में से 40 सीटों पर अपनी जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी को 25 सीटें हासिल की थी.