Adampur by-election 2022: हरियाणा की आदमपुर सीट पर सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया है. भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई ने अपने परिवार के साथ आदमपुर अनाज मंडी में 54 नंबर बूथ पर पहुंचकर मतदान किया तो वहीं AAP प्रत्याशी सतेंद्र सिंह अपने गांव न्योली खुर्द के 146 नंबर बूथ पर वोटिंग करेंगे. इस सीट पर 20 गांवों की जीत-हार में अहम भूमिका मानी जा रही है. 


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क्यों हो रहा उपुचनाव?
हरियाणा की आदमपुर सीट को बिश्नोई परिवार का गढ़ माना जाता है. साल 2019 में कुलदीप बिश्नोई ने इस सीट से जीत हासिल की थी. कद और पद की जंग के बीच कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद आदमपुर में उप-चुनाव हो रहे हैं. 


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आदमपुर विधानसभा सीट पर कुल 1 लाख 71 हजार 473 मतदाता
आदमपुर विधानसभा सीट पर कुल 1 लाख 71 हजार 473 वोटर्स हैं. जिसमें करीब 52 हजार जाट वोटर्स हैं. 31 हजार बिश्नोई समाज के वोटर्स , एससी समुदाय के 30 हजार, बीसीए 29 हजार, बीसीबी 4 हजार और ब्राह्मण वोटर्स की आबादी 5 हजार से ज्यादा है. यहां जाट वोटर्स की संख्या सबसे ज्यादा है, बावजूद इसके हार-जीत का समीकरण बिश्नोई समाज तय करता है. 


1968 से आदमपुर सीट रही भजनलाल परिवार के नाम 
आदमपुर विधानसभा से सबसे पहले साल 1968 में भजन लाल ने चुनाव जीता था उसके बाद, 1972, 1977 और 1982 तक ये सीट उन्ही के नाम रही. साल 1987 में भजनलाल की पत्नी जसमा देवी ने इस सीट पर जीत हासिल की. इसके बाद साल 1990, 1996 और 2005 में भजनलाल का इस सीट पर वर्चस्व रहा. साल 2014 में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई ने इस सीट से जीत हासिल की. उसके बाद 2014 और 2019 में कुलदीप बिश्नोई ने यहां से चुनाव जीता. अब उप चुनाव में भजन लाल की तीसरी पीढ़ी भव्य बिश्नोई मैदान में हैं. 


साल 1968 से 2019 तक के आकड़ें ये बताते हैं कि हरियाणा के इस सीट में भजनलाल के परिवार का एकाधिकार रहा है. कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस छोड़ने के बाद कांग्रेस ने भी दिग्गज नेता जयप्रकाश को मैदान में उतारा है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आदमपुर की सियासी जंग में वोटर्स किसे अपना आशिर्वाद देते हैं. 


राजनीतिक दांवपेच में उलझे वोटर
आदमपुर विधानसभा सीट से भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को मैदान में उतारा है, हाल ही में कुलदीप बिश्नोई और भव्य ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा है. दूसरी तरफ भाजपा छोड़कर AAP में शामिल हुए सतेंद्र सिंह AAP की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. इनेलो ने भी कांग्रेस छोड़कर आए कुरडाराम नंबरदार पर भरोसा जताया है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि एक पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी में शामिल हुए प्रत्याशियों में वोटर्स किस पर भरोसा जताते हैं.


ये 20 गांव करेंगे हार-जीत का फैसला 
आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के सदलपुर, खारा, बरवाला, ढंडूर, राजीव नगर, बीड़, हिसार, सीसवाल, सलेमगढ़, और बालसमंद में एससी वोटर और सदलपुर, आदमपुर, कोली, ढाणी, पिडवाली, लाडवी, सीसवाल, मोहबतपुर, काबडेल, डोभी, और बालसमंद को बीसी वोटर्स की भूमिका काफी अहम है. इन्ही के वोटों से हार-जीत का फैसला होगा.