नई दिल्ली: आदमपुर उपचुनाव में चौधरी भजनलाल के पोत ने भी जीत की परंपरा बनाए रखी. भव्य बिश्नोई ने आदमपुर उपचुनाव में रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की. भव्य ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के जयप्रकाश को 15000 से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी है. भव्य को कुल 67376 वोट मिले हैं. इसी जीत के साथ बीजेपी ऐतिहासिक जीत हुई है. 


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बीजेपी क्या जनता पार्टी ने भी आदमपुर का किला कभी फतह नहीं कर पाई थी. जनता पार्टी की सरकार के वक्त भी चौधरी भजनलाल यहां से जीते थे. भजनलाल जब कांग्रेस में थे तो उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीता. इसी आदमपुर की बदौलत वो तीन पर प्रदेश के मुखिया भी बने. इसके बाद कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई भी यहां से उपचुनाव जीते. इस सीट पर तीन बार उपचुनाव हुए उसमें भी चौधरी भजनलाल, कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई ने भी जीत दर्ज की. यह सीट कांग्रेस से ज्यादा बिश्नोई परिवार की जीत रही. 2014 की मोदी लहर में भी इस सीट पर कुलदीप बिश्नोई ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2019 में भी यहां से बीजेपी खाली हाथ रही. 


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1968 से आदमपुर सीट रही भजनलाल परिवार के नाम 
आदमपुर विधानसभा से सबसे पहले साल 1968 में भजन लाल ने चुनाव जीता था उसके बाद, 1972, 1977 और 1982 तक ये सीट उन्ही के नाम रही. साल 1987 में भजनलाल की पत्नी जसमा देवी ने इस सीट पर जीत हासिल की. इसके बाद साल 1990, 1996 और 2005 में भजनलाल का इस सीट पर वर्चस्व रहा. साल 2014 में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई ने इस सीट से जीत हासिल की. उसके बाद 2014 और 2019 में कुलदीप बिश्नोई ने यहां से चुनाव जीता. अब उपचुनाव में भजन लाल की तीसरी पीढ़ी ने इस सीट अपनी किस्मत आजमाई और जीत हासिल की.


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बीजेपी की बंजर जमीन पर पहली बार खिला कमल
कुछ दिनों पहले कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस पार्टी और अपने पद से इस्तीपा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था. इस सीट पर उपचुनाव तय हुए. कुलदीप बिश्नोई ने बेटे भव्य बिश्नोई को चुनाव लड़ाने की एवज में ही कांग्रेस छोड़ी थी. बीजेपी ने अब तक इस बंजर जमीन पर अपनी सियासी फसल काटने की सोची और भव्य को पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाया. बीजेपी की इस जीत में आदमपुर की जनता ने भी खूब साथ दिया. उन्होंने चौधरी भजनलाल के पोते को भी खूब आशीर्वाद दिया.


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