नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन, आगजनी और हिंसक घटनाएं हो रही हैं. सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे की प्रॉपर्टी को हो रहा है. प्रदर्शनकारियों ने देश के अलग-अलग राज्यों में सैकड़ों ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया है. हिंसक झड़प के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय का बयान आया है. बयान में कहा गया है कि अग्निपथ योजना के तहत सेना के तीनों अंगों में सेवा देने के 4 साल बाद भी अग्निवीरों के लिए रास्ते बंद नहीं होंगे. बल्कि उन्हें केंद्रीय बलों और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बाकायदा ट्वीट करके यह जानकारी दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि अग्निवीर योजना में 4 साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को केंद्रीय बलों और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. गृह मंत्रालय के इस निर्णय से अग्निपथ स्कीम से प्रशिक्षित युवा आगे भी देश सेवा और सुरक्षा में सहभागी बन पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस निर्णय पर योजना बनाने का काम शुरू हो गया है.



मोदी सरकार के इस फैसले से केंद्रीय बलों जैसे सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी सहति असम राइफल्स में करीब 73 हजार रिक्त पदों को भरने में राहत मिलेगी. 


दरअसल, 16 मार्च 2022 को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि केंद्रीय सुरक्षा बलों और असम राइफल्स में कुल 73,219 पद खाली हैं, जिसमें गैजेटेड अधिकारियों के 1969, सब-ऑर्डिनेट अधिकारियों के 23,129 और अन्य रैंक के 48,121 पद रिक्त हैं. जबाव में यह भी कहा गया था कि 2017 से 2021 के बीच करीब एक लाख कर्मियों की नियुक्तियां केंद्रीय बलों में हुई हैं. 



खाली पड़े पदों को संबंधित भर्ती नियमों के प्रावधानों के अनुसार सीधी भर्ती, पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति आदि माध्यमों से पूरा किया जाता है. वहीं इसके अलावा अलग-अलग माध्यम से परीक्षाएं आयोजित करके भी रिक्त पदों को भरा जाता है. 


WATCH LIVE TV