नई दिल्ली/चंडीगढ़ : राज्यसभा चुनाव में विधायक कुलदीप बिश्नोई द्वारा क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है. इसके बाद कुलदीप ने ट्वीट के माध्यम से कांग्रेस पर पलटवार किया. उन्होंने लिखा-अगर कांग्रेस ने 2016 में तेजी और मजबूती से कदम उठाए होते और कई महत्वपूर्ण मौकों पर ढंग से काम किया होता, जो उन्होंने गंवाए तो इस तरह के हालात हालात उत्पन्न न होते. 


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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा-कुछ नेताओं के लिए कांग्रेस के नियम हैं और कुछ के लिए अपवाद यानी नियम इंसान देखकर तय किए जाते हैं. पार्टी में अनुशासनहीनता को अतीत में बार-बार नजरअंदाज किया गया है. मेरे मामले में मैंने अपनी आत्मा की सुनी और उसी के मुताबिक काम किया. 


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इधर चुनाव में हारे कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन ने चुनाव की तैयारी और मैनेजमेंट के लिए भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का रिजल्ट और गिनती को देखे तो हम पहली पसंद में निर्दलीय कैंडिडेट से आगे थे. उनका एक वोट कैंसिल होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से हमारा वोट कैंसिल कर दिया गया. इसलिए हम कानूनी रूप से सलाह मशविरा कर रहे हैं. हमारे पास कानूनी अपील का समय है.


इस माकन ने कहा, उन सभी विधायकों का धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने प्रलोभन, भय को स्वीकार नहीं किया और कांग्रेस का समर्थन किया. बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, उनके तौर-तरीके से लग रहा था कि वो किसी न किसी बहाने चुनाव को प्रभावित करना चाहते थे. चुनाव के रिजल्ट की लेटलतीफी इसका सबूत है. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया गया. ईडी और इनकम टैक्स का प्रेशर विधायकों पर गिराया गया, उसके बावजूद भी विधायक अडिग रहे और निर्दलीय उम्मीदवार से ज्यादा वोट मिले. 


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कुलदीप को जनता माफ नहीं करेगी. 
अजय माकन ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था और किस प्रलोभन और भय से उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट नहीं दिया, पता नहीं. हरियाणा की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. 


सरकार की मंशा ठीक नहीं 
दीपेंद्र हुड्डा ने भी चुनाव परिणामों के बारे में कहा कि शुरू से ही सरकार की मंशा पाक साफ नहीं थी. उन्होंने हमारे दो वोट को रद करने की कोशिश की, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर के बयान और सीसीटीवी फुटेज बड़ा सबूत था. चुनाव आयोग भी इन्हे नकार नहीं सका. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उनके (निर्दलीय ) प्रत्याशी का एक वोट रिजेक्ट होना था, जो नहीं किया गया. अगर उनका वोट रिजेक्ट किया जाता तो उनके मत 28 से 27 हो जाते और 29 वोट के चलते हम जीत जाते. कांग्रेस की हार पर दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ये प्रजातंत्र की हत्या है, हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. 


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