Ambala News: SC के निर्देश के बाद प्रशासन अलर्ट, पराली को लेकर SHO चला रहे जाकरूकता अभियान
Ambala News: हरियाणा के अंबाला में पुलिस प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अलर्ट हो गया है. थाना के SHO अफने एरिये में जाकर किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक कर रहे हैं.
Ambala News: पराली जलाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्खी का असर अंबाला के हरियाणा में भी दिख रहा है. अंबाला में पुलिस कर्मी थानों से निकलकर खेतों में किसानों को जागरूक कर रहे हैं. अपने अपने इलाकों में एसएचओ हाथों में माइक लिए खेतों में किसानों को जागरूक करते नजर आये. सुप्रीमकोर्ट की सख्ती के बाद इलाका एसएचओ ने किसानों को साफ बता दिया कि पराली जलाई तो चालान के साथ-साथ मुकदमा दर्ज करने का भी प्रावधान है.
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इन दिनों हरियाणा पंजाब दिल्ली सहित कई राज्यों में हवा में जहर फैल रहा है, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी अब संज्ञान लेते हुए सीधी पुलिस को तल्ख तेवरों में चेतावनी दी है, अगर कहीं भी पराली जलती है तो इस जिम्मेवार संबंधित थाना एसएचओ होगा. अंबाला में भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर देखने को मिला और पुलिस प्रशासन थानों से बाहर निकलकर खेतों और गांव-गांव जाकर किसानों के जागरूक करने में जुट गया है. उन्हें पराली जलाने के नुकसान के बारे में बताया जा रहा है.
इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए एएसपी दीपक ने बताया की पहले से एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट द्वारा पराली जलाने वालों के चालान काटे गए हैं. इस दौरान जहां भी जरूरत रही वहां पुलिस भी मौजूद रही, पराली जलाने से संबंधित कई मुकदमे भी दर्ज हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोकल पुलिस के साथ-साथ बनी हुई कमेटी जाकर किसानों को जागरूक कर रही है. उन्हें बताया जा रहा है कि पराली जलाने से जमीन की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है और दूसरा ये कानूनन अपराध भी है, इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं.
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए मौके पर मौजूद एसएचओ विक्रांत ने बताया कि पराली जलाने के मामले को लेकर प्रशासन काफी सख्त है. डीसी और एसपी द्वारा भी सख्त निर्देश दिए गए हैं. हम भी समय-समय पर गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं और उन्हें कह रहे हैं कि पराली जलाने से काफी नुकसान होता है और प्रदूषण भी फैलता है. अगर फिर भी कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है और इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है.
इस बारे में किसानों का कहना है कि इस बार किसान पूरी तरह जागरूक हैं और आसपास के गांव से कोई भी पराली जलाने का मामला सामने नहीं आया है, जो फसलों के अवशेष बचे थे उन्हीं को मिलकर नई फसले बो दी गई हैं.