उफ्फ ये अनदेखी! घुप्प अंधेरे और कचरे के बीच कैसे पढ़ रहे बच्चे, जानें इस स्कूल की कहानी
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उफ्फ ये अनदेखी! घुप्प अंधेरे और कचरे के बीच कैसे पढ़ रहे बच्चे, जानें इस स्कूल की कहानी

अंबाला के रामपुर सरसेहड़ी में बने संस्कृति मॉडल स्कूल में सुविधाओं का टोटा है. स्कूल में कमरों की कमी है. इन दिनों बिजली कट से पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. स्कूल जिला में पढ़ाई, स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटी में नम्बर एक पर है.

उफ्फ ये अनदेखी! घुप्प अंधेरे और कचरे के बीच कैसे पढ़ रहे बच्चे, जानें इस स्कूल की कहानी

Ambala Government School: अंबाला के रामपुर सरसेहड़ी में बने संस्कृति मॉडल स्कूल में सुविधाओं का टोटा है. स्कूल में कमरों की कमी है. इन दिनों बिजली कट से पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. स्कूल जिला में पढ़ाई, स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटी में नम्बर एक पर है. मगर विभाग का सुविधाओं की तरफ कोई ध्यान नहीं है.

अंबाला के रामपुर सरसेहड़ी में बने संस्कृति मॉडल स्कूल में बेहतर शिक्षा दी जाती है. जिसके चलते छात्रों की कोई कमी नहीं है. निजी स्कूलों से छात्र इस स्कूल की तरफ आ रहे हैं, लेकिन इस स्कूल में सुविधाओं की बहुत कमी है. स्कूल के प्राइमरी विंग में स्टाफ की कमी है तो वहीं स्कूल में कमरों की कमी है. स्कूल में लैब की जरूरत है. स्कूल स्पोर्ट्स एक्टिविटी में नंबर एक पर है, लेकिन स्कूल के मैदान के हालात बहुत खराब है. वहीं स्कूल में पीने के लिए पानी नहीं है तो गंदगी के अंबार लगे हुए हैं. स्कूल की बाउंड्री वॉल टूटी हुई है. 

इतना ही नहीं इस स्कूल में स्मार्ट बोर्ड तक लगे हैं, लेकिन बिजली के कट की वजह से बच्चे अंधेरे में पढ़ने को मजबूर हैं. उसका कारण स्कूल ग्रामीण आंचल में है. गेंहू की कटाई का सीजन चल रहा है और सुबह से शाम तक बिजली को काटा जाता हैं. स्कूल में निजी स्कूल से बच्चे लगातार एडमिशन के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन छात्रों का कहना है कि उन्हें यहां पर्याप्त सुविधा बिल्कुल नहीं मिल रही. यहां इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है और इन दिनों बिजली के कट लग रहे हैं तो पढ़ाई भी डिस्टर्ब हो रही है.

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सरकारी स्कूल के कई कमरे खंडर घोषित होने के बाद गिराए जा रहे हैं, लेकिन इस बीच एक लापरवाही की वजह से 3 मजदूर लेंटर गिरने से उसकी चपेट में आ कर घायल हो गए. जिन्हें अंबाला कैंट सिविल हस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. घायलों में से 2 को छुट्टी दे दी गई 1 घायल मजदूर का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है. स्कूल प्रिंसिपल प्रवीण शर्मा ने बताया कि उनके पास एडमिशन की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें कमरों की जरूरत है. बिजली कट लगते हैं तो उन्हें बैकअप की जरूरत है. जिस तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए.

वहीं स्कूल के वाइस प्रिंसिपल राजेश अग्रवाल का कहना है कि स्कूल सीबीएससी (CBSE) से एफिलेटेड है. यहां बच्चों से बहुत कम फीस ली जाती है. स्कूल में अच्छी पढ़ाई और अच्छा स्टाफ है, लेकिन स्कूल में बहुत सी जरूरतें हैं जिस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. साथ ही स्कूल स्टाफ भी चाहता है कि उन्हें सुविधा मिले तो वे स्कूल में इससे ज्यादा बेहतर पढ़ाई दे सकते हैं.

Input: अमन कपूर 

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