American Bully Dog Attacked: मासूम पर खूंखार कुत्ते का हमला, लहूलुहान पर मामला दर्ज, परिजनों ने निकाली यात्रा
American Bully Dog Attacked: दिल्ली में एक सात साल की बच्ची पर अमेरिकन बुल्ली डॉग का हमला करने का मामला सामने आया है. पीड़ित परिवार ने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई है. इसके बार परिजनों ने आज एक रैली निकाली, जिसमें भारी संख्या में स्थानीय लोग उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलते दिखे.
American Bully Dog Attacked: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रोहिणी में एक बच्ची पर अमेरिकन बुल्ली डॉग ने हमला कर उसे लहूलूहान करने का मामला सामने आया है. अमेरिकन बुल्ली ने बच्ची के दोनों हाथ और पैरों के अलावा शरीर के कई हिस्सों में काट कर उसे जख्मी कर दिया है, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई है.
पीड़ित के पिता श्रीकांत भगत के द्वारा आज एक रैली निकाली गई, जिसमें भारी संख्या में स्थानीय लोग उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलते दिखे. श्रीकांत भगत ने कहा कि मैं मानता हूं कि कुत्ते पालना गलत नहीं है. यदि किसी कुत्ते से होने वाली दुर्घटना को रोकने की क्षमता हो और कुत्ता रखने वाले की छोटी से छोटी लापरवाही के कारण यदि कोई दुर्घटना घट जाए तो पालने वाले को सख्त सजा होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग कुत्ता पालने के लिए आवश्यक लायसेंस भी नहीं रखते हैं और न ही पालतू कुत्ते को रखने के लिए आवश्यक मापदंड या नियम का पालन करते हैं. आवारा कुत्तों को खिलाने एवं सह देने वाले कानून का हवाला देकर दूसरों को धमकी देते हैं. लेकिन, वहीं लोग इन कुत्तों से होने वाली हानि की जिम्मेवारी नहीं लेते हैं. यदि कानून एवं न्यायिक निर्णय कुत्तों के अधिकार की पुष्टि करते हैं तो भारत का संविधान भी मनुष्य को जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार देता है.
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उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में मानव जीवन की रक्षा प्रथम या मनुष्य का पशु प्रेम एवं शौक प्रथम वरीयता होनी चाहिए. कभी मनुष्य एवं कुत्ता करीबी मित्र हुआ करते थे, लेकिन आज कुत्तों की बढ़ती आबादी एवं कुत्तों से होने वाली राष्ट्रव्यापी निरन्तर दुर्घटनाओं के कारण इस मित्रता पर प्रश्न चिह्न लगता नजर आ रहा है. आज प्रशासन के लिए कुत्तों का आतंक कानून-व्यवस्था जैसी चुनौती बनता जा रहा.
उन्होंने कहा कि प्रशासन को जल्द ही इस समस्या से निपटने के उपाय ढूंढने होंगे. पीड़ित के पिता श्रीकांत भगत ने कहा कि कुत्तों के खिलाफ मशाल मार्च, इस प्रकार का पहला कदम है जो जन जागरूकता के माध्यम से "कुत्ता आपदा" की चुनौती का सामना करने में लोगों की मदद कर सकता है. अब देखना ये है कि क्या लोग इस से जागरूक होकर अपने कुत्तों पर नजर रखेंगे या प्रसाशन ऐसे खूंखार कुत्ते रखने वालों का कोई सर्वे कर कोई कार्यवाही करता है या नहीं.
(इनपुटः नीरज शर्मा)