AAP News: आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने शनिवार को हरियाणा में शिक्षा और स्कूलों की खस्ता हालत को लेकर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार शिक्षा और स्कूलों के मामले में पूरी तरह से नकारा साबित हुई है. सरकार को अपनी नाकामी को कोर्ट में कबूल करने में भी अब शर्म नहीं आ रही है. सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर खुद बताया है कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 8240 कमरों की कमी है, जिसमें से 10 साल सरकार में रहने के बावजूद दिसंबर 2024 तक मात्र 1000 कमरों का ही निर्माण कर पाएंगे.


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उन्होंने कहा सरकार ने अपने हलफनामे में खुद माना है कि हरियाणा के स्कूलों में पीजीटी और टीजीटी 28000 शिक्षकों की कमी है. केंद्र सरकार की योजनाओं और हरियाणा सरकार के बजट की अलग-अलग योजनाओं के 10 हजार करोड़ रुपए, जो हरियाणा की शिक्षा और स्कूलों पर लगने थे. वो सरकार ने बिना इस्तेमाल किए वापस भेज दिए हैं. इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है?


अनुराग ढ़ांडा ने कहा कि हरियाणा के बच्चे अच्छी शिक्षा के लिए दर-दर भटक रहे है. प्राइवेट स्कूलों में लुटने को मजबूर हैं, लेकिन उसके बावजूद हरियाणा के सरकारी स्कूलों गरीब बच्चों के खिलाफ भाजपा की साजिशें लगातार चल रही हैं. स्कूलों में न बिजली की और न शौचालय की व्यवस्था सही है. साथ ही स्कूलों में न शिक्षक हैं, न कमरे हैं और न बच्चों के बैठने के लिए बैंच हैं.


उन्होंने कहा कि इन नाकामियों की वजह से हाईकोर्ट ने भी कुछ दिन पहले पांच लाख का जुर्माना हरियाणा सरकार पर लगाया था और कहा था कि हलफनामा दायर करें कि सरकार कब तक ये काम कर पाएगी. आज उस हलफनामे में सरकार ने बेशर्मी की सभी हदें पार कर दी हैं और खुद कागज पर लिखकर कबूला है कि 8240 में से दिसंबर 2024 तक केवल 1000 ही कमरे बना पाएंगे, 2800 पीजीटी और टीजीटी शिक्षकों के पद खाली हैं.


इसके साथ ही उन्होंने कहा हरियाणा सरकार ने खुद कबूला है कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. इसका मतलब हरियाणा के सरकारी स्कूलों को ठीक करने की खट्टर सरकार की नियत ही नहीं है. इसलिए हलफनामे में भी भाजपा सरकार को कबूल करने में कोई शर्म नहीं है. अब इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हरियाणा की भाजपा सरकार गरीबों के बच्चों के खिलाफ है, उन्हें अनपढ़ रखना चाहती है, सरकारी स्कूलों को बर्बाद करके बंद करना चाहती है और भाजपा सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में हरियाणा की शिक्षा और स्कूलों के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश की है.