Arvind Kejriwal: राजधानी दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में घिरी आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए आज का दिन काफी अहम रहने वाला है. पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आज CM केजरीवाल से ED शराब घोटाला मामले में पूछताछ करेगी. AAP नेताओं द्वारा इस बात का दावा किया जा रहा है कि आज ED पूछताछ के दौरान CM केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है. हालांकि, ये केवल संभावना है. लेकिन बड़ा सवाल ये भी है कि अगर ऐसा होता है तो दिल्ली का अगला CM कौन होगा? या फिर सच में दिल्ली सरकार जेल से चलेगी.


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दो दिग्गज जेल में
कथित शराब घोटाला मामले में AAP के दो दिग्गज जेल में हैं. 26 फरवरी 2023 को CBI ने मनीष सिसोदिया को 10 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद से वो जेल में हैं. वहीं 30 अक्टूबर को SC ने भी इस पूरे मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया है. मनीष सिसोदिया के बाद इस मामले में दूसरा बड़ा नाम संजय सिंह का है, ED ने 04 अक्टूबर को लगभग 10 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. वहीं इस मामले में अब CM अरविंद केजरीवाल के ED द्वारा पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है. 


AAP नेताओं ने किया CM की गिरफ्तारी का दावा
CM अरविंद केजरीवाल को ED का समन मिलने के बाद से सौरभ भारद्वाज, आतिशी सहित AAP के कई नेताओं द्वारा CM केजरीवाल की गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है. AAP नेताओं का कहना है कि BJP हार के डर से CM केजरीवाल को गिरफ्तार करवाना चाह रही है. हालांकि, इस बात का कोई कानूनी आधार नहीं है कि आज CM केजरीवाल की गिरफ्तारी होगी. 


सौरभ भारद्वाज का दावा- जेल से चलेगी सरकार
AAP मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का दावा किया है, साथ ही कहा कि अगर ऐसा होता है तो जेल से दिल्ली की सरकार चलेगी. ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल भी है कि क्या सच में ऐसा हो सकता है. हम आपको बता दें कि अगर सच में किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच चल रही है और वो जेल में है तो कानून उसे पद पर बने रहने से नहीं रोकता. वो जेल में रहते हुए भी सरकार चला सकते हैं. अगर वो इस मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उनकी कुर्सी छिन जाएगी. दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी जेल में रहने के बाद भी मंत्री बने रहे. 


तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता पर साल 1996 में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आय से अधिक संपत्ति हासिल करने का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में बैंगलुरु की विशेष अदालत ने 27 सितंबर, 2014 को उन्हें दोषी पाते हुए चार साल की सजा सुनाई थी. बाद में हाइकोर्ट ने उन्हें इस पूरे मामले में बरी कर दिया. इस मामले की जांच के दौरान वो CM पद पर बनी रहीं.