Arvind Kejriwal News: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं है. अगर हम गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखते हैं और बाद में फैसला देते हैं तो हो सकता है कि तब तक चुनाव निकल जाए. इस तरह की असाधारण परिस्थितियों में हम अंतरिम जमानत भी देते हैं.
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Arvind Kejriwal Anterim Bail: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान ED की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने दलीलें रखीं. एसवी राजू ने कहा कि इस मामले में हवाला ऑपरेटर के जरिये करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ. अभी कोर्ट ने ऐसा कुछ नहीं कहा है कि वह केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के मसले पर सुनवाई कर रहा है. अभी जो दलीलें रखी जा रही है, वो गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर ही है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय को लेकर जवाब मांगा था. इस पर ASG एसवी राजू ने कहा कि शुरुआत में हमारी जांच केजरीवाल को लेकर ही केंद्रित नहीं थी, इसलिए गवाहों से भी सीधे उनकी भूमिका को लेकर सवाल नहीं पूछे गए. जांच जैसे -जैसे आगे बढ़ी, केजरीवाल की भूमिका भी सामने आने लगी. राजू ने यह भी कहा कि गवाहों के बयान में कोई विरोधाभास नहीं है. उनके बयान केजरीवाल के पक्ष में जाते हैं, ऐसा नहीं कहा जा सकता. एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि गवाहों के बयान ऐसी जगह दर्ज किए गए, जहां CCTV कैमरे थे.
जांच से जुड़ी डायरी मांगी
कोर्ट के पूछने पर ASG एसवी राजू ने बताया कि पहली गिरफ्तारी 9 मार्च 2020 को हुई थी. कोर्ट ने कहा -आपने इस मामले में जांच के पहलू को लेकर केस डायरी मेंटेन की होगी, हम उसे देखना चाहेंगे। राजू ने दलील दी कि गोवा में चुनाव के दौरान केजरीवाल 7 स्टार होटल में ठहरे थे. इसका खर्च उस व्यक्ति ने उठाया, जिसने कैश लिया था. ऐसा नहीं है कि राजनीतिक वजह से केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई.
...तो क्या जांच केजरीवाल पर केंद्रित नहीं थी?
ASG की दलील पर कोर्ट ने पूछा कि आपका कहना है कि जांच केजरीवाल को लेकर केंद्रित नहीं थी. इसलिए पहले गवाहों से पूछताछ में उनके बारे में सवाल नहीं पूछे गए., लेकिन सवाल है कि आपने उनकी भूमिका के बारे में सवाल क्यों नहीं पूछा. आप अपनी ओर से देर क्यों कर रहे थे.
तो हम पर बदनीयती के आरोप लगते : ASG
इस पर ASG एसवी राजू ने कहा, -अगर शुरुआत में ही हमारी जांच केजरीवाल को लेकर केंद्रित होती तो हम पर आरोप लगता कि हम बदनीयती की भावना से काम कर रहे हैं. तथ्यों को लेकर स्पष्टता आने में वक्त लगता है. बाद की जांच में केजरीवाल की भूमिका सामने आई. हमारे पास सबूत है कि केजरीवाल ने 100 करोड़ की रिश्वत मांगी. कोर्ट के पूछने पर राजू ने बताया कि 23 फरवरी 2023 को पहली बार बुच्ची बाबू से केजरीवाल को लेकर पूछा गया था.
क्या गिरफ्तारी में PMLA के सेक्शन 19 के हिसाब से हुई?
कोर्ट ने सवाल किया- क्या इस केस में PMLA में सेक्शन 19 का पालन किया गया. क्या इस केस में की गई गिरफ्तारी इस सेक्शन के तहत जरूरी कसौटी पर खरी उतरती है? सुप्रीम कोर्ट ने ED से कहा कि आपकी ये दलील ठीक नहीं है कि 'गिरफ्तारी का आधार' और इस सेक्शन के तहत 'किसी आरोपी को दोषी मानने का विश्वास' कर गिरफ्तार करने की वजह दोनों अलग-अलग हो सकती ह. गिरफ्तारी या रिमांड लेते वक्त ये ED की जिम्मेदारी बनती है कि वो साबित करे कि इसकी जरूरत क्यों है. जस्टिस दीपांकर दत्ता ने ED से कहा है कि आप उन तथ्यों को नजरंदाज नहीं कर सकते जो कि आरोपी केजरीवाल के खिलाफ नहीं हैं. गिरफ्तारी के वक्त आप किसी आरोपी से आर्टिकल 21 के तहत मिली उसकी आजादी छीन लेते हैं. इस लिहाज से आपको संतुलित रवैया अपनाने की जरूरत है.
अंतरिम जमानत पर विचार करना बनता है: कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि चुनाव हर पांच साल में एक बार होते हैं. चुनाव नजदीक है और केजरीवाल दिल्ली के सीएम हैं. ये अपने आप में एक असाधारण केस है. दूसरा केस भी उनके खिलाफ नहीं है. अंतरिम जमानत पर विचार किया जाना बनता है. इस पर SG तुषार मेहता ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा - केजरीवाल की राजनैतिक हैसियत होने की वजह से और चुनाव प्रचार के लिए जमानत देकर उन्हें बाकी लोगों से से अलग ट्रीटमेंट नहीं दिया जा सकता.
गिरफ्तारी गलत नहीं पर दे सकते हैं अंतरिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम भले ही मान लें कि इस केस में केजरीवाल की गिरफ्तारी गलत नहीं है, तब भी अंतरिम जमानत दे सकते हैं. इस पर SG तुषार मेहता ने कहा -अगर केजरीवाल जांच में सहयोग देते, तो शायद गिरफ्तार नहीं होते. अब वो चाहते हैं कि चुनाव प्रचार के लिए बेल मिल जाए. क्या ऐसी राहत आम आदमी को मिल सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं है. वो दिल्ली के CM है. हम विचार करेंगे कि क्या उन्हें अंतरिम जमानत दी जा सकती है.
आसमान नहीं गिर जाएगा अगर...
तुषार मेहता ने कहा कि इसका गलत संदेश जाएगा कि किसी आरोपी को प्रचार के लिए जमानत मिल रही है. कोर्ट ने कहा कि अगर हम गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखते हैं और बाद में फैसला देते हैं तो हो सकता है कि तब तक चुनाव निकल जाए. इस तरह की असाधारण परिस्थितियों में हम अंतरिम जमानत भी देते हैं. SG तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट इस केस में केजरीवाल के रोल को भी देखे. चुनाव प्रचार के लिए वो अकेले नहीं हैं. आसमान नहीं गिर जाएगा अगर वो चुनाव प्रचार नहीं करते. जो राहत आम आदमी को नहीं हासिल है, वो कैसे राजनेता को दी जा सकती है?