Arvind Kejriwal Comment Over Kisan Andolan: हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसान आंदोलन की गर्मी दिल्ली तक पहुंच गई है. 2021 में वापस लिए गए तीन कृषि कानूनों पर एक बार फिर सियासी हमले शुरू हो गए हैं. बीजेपी और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगा रही है. इस बीच किसान मुद्दों पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के आतिशी को लिखे पत्र के बाद आप संयोजक अरविंद केजरीवाल भी इस जुबानी जंग में शामिल हो गए. उन्होंने कहा कि  3 साल पहले किसान आंदोलन की वजह से जो तीन काले कानून  वापस लिए गए थे, उन्हें 'पालिसी' कहकर पिछले दरवाजे से फिर लागू करने की तैयारी की जा रही है. पॉलिसी पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को उसकी कॉपी भेजी है.


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केजरीवाल ने कहा-पंजाब में किसान कई दिनों से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं. इनकी वही मांगें हैं, जिन्हें केंद्र सरकार ने तीन साल पहले मान लिया था, लेकिन अभी तक लागू नहीं की है. केजरीवाल ने बीजेपी पर वादे से मुकरने का आरोप लगाया. केजरीवाल ने कहा, हमारे ही देश के किसान हैं. बीजेपी सरकार उनसे बात तक नहीं कर रही. केजरीवाल ने कहा कि किसानों से बात तो करो. इतना ज्यादा अहंकार क्यों है? केजरीवाल ने कहा,  पंजाब में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे किसानों को भगवान सलामत रखे.  अगर उन्हें उन्हें कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदार बीजेपी होगी.


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दरअसल पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी तबीयत खराब चल रही है. किसान नेता पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर डल्लेवाल को कुछ हुआ तो इसके परिणाम बहुत खराब होंगे. 


शिवराज ने किसानों की परेशानी का किया था जिक्र 
दरअसल केंद्रीय कृषि मंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की सीएम आतिशी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार की योजनाओं को दिल्ली में लागू नहीं करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि दिल्ली में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर सहित उपकरण का पंजीकरण कमर्शियल व्हीकल श्रेणी में किया जा रहा है, जिससे किसानों को अधिक दाम देना पड़ रहा है. किसानों के लिए बिजली महंगी है. यमुना से लगे गांवों में किसानों के बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं, जिससे उनकी आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है. आप पार्टी की सरकार को किसानों के हित में निर्णय लेने चाहिए.