फ्री सुविधाओं के विरोध पर Kejriwal ने दागा Modi सरकार पर सवाल-आखिर पैसा जा कहां रहा है?
Arvind Kejriwal Digital Press Conference : केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से जनता को फ्री में मिलने वाली सुविधाओं का जबर्दस्त विरोध किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि अगर सरकारें जनता को फ्री में सुविधाएं देंगी तो सरकार कंगाल हो जाएंगी, इससे मन में शक पैदा होता है कि क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत बहुत ज्यादा खराब है?
नई दिल्ली : देश में चुनावी माहौल के बीच फ्री सुविधाओं को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में जुबानी जंग बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल कांफ्रेंस कर केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से जनता को फ्री में मिलने वाली सुविधाओं का जबर्दस्त विरोध किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि अगर सरकारें जनता को फ्री में सुविधाएं देंगी तो सरकार कंगाल हो जाएंगी. देश के लिए बहुत आफत पैदा हो जाएगी.
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केजरीवाल ने कहा कि इससे मन में शक पैदा होता है कि क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत बहुत ज्यादा खराब है? सीएम केजरीवाल ने सवाल उठाया कि पिछले 75 साल से सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा मिल रही है. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिल रहा है तो अचानक ऐसा क्या हो गया कि इन सारी चीजों को बंद करने की बात हो रही है या इनका विरोध हो रहा है.
सैनिकों की पेंशन पर केजरीवाल ने दागा सवाल
केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि कुछ समय पहले ये अग्निवीर योजना लेकर आए तो यह कहा गया कि सैनिकों का पेंशन बिल इतना है कि केंद्र सरकार बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि जब केंद्र सरकार ने कहा कि उससे सैनिकों की पेंशन बिल बर्दाश्त नहीं हो रही है. आज तक किसी सरकार ने यह नहीं कहा कि देश की सुरक्षा के लिए पैसे की कमी हो गई है. सैनिक हमारे लिए अपनी जान दांव पर लगाते हैं और बॉर्डर पर खड़े होकर रक्षा करते हैं तो ऐसा क्या हो गया कि केंद्र सरकार सैनिकों की पेंशन भी नहीं दे पा रही है.
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केजरीवाल ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले कहा गया कि हर 10 साल में केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को एक वेतन आयोग बनाती है. आठवां वेतन आयोग अभी बनने वाला था, लेकिन अब केंद्र सरकार कह रही है हम वेतन आयोग नहीं बना रहे. केंद्र सरकार के पास अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए भी पैसा नहीं बचा तो केंद्र सरकार का सारा पैसा कहां गया?
MNREGA के बजट में कटौती पर सवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश का सबसे गरीब आदमी, जिसके पास कुछ भी नहीं होता, उसे सरकार 100 दिन काम के बदले पैसा देती है लेकिन केंद्र सरकार कह रही है हमारे पास इनको देने के लिए भी पैसा नहीं है. इसके बजट में 25 फीसदी की कटौती भी कर दी गई.
गरीब से गरीब इंसान पर भी लग रहा टैक्स
केंद्र सरकार देशभर से जितना टैक्स इकट्ठा करती है, उसमें से एक हिस्सा राज्यों को देती है. अभी तक 42% राज्यों को देना होता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उसे घटाकर 29-30% कर दिया, कह रहे हैं पैसा नहीं है. 2014 के मुकाबले 2 से 3 गुना टैक्स इकट्ठा हो रहा है तो ये पैसा जा कहां रहा है? हम आजादी के 75 साल मना रहे हैं, लेकिन खाने पीने की चीजों पर टैक्स लगा दिया गया है जो पहले कभी नहीं लगाया गया.एक बेहद गरीब या एक भिखारी भी जब गेहूं चावल मार्केट से खरीदकर लाएगा तो टैक्स देना होगा. ऐसी क्या हालत हो गई केंद्र सरकार की कि गरीब से गरीब आदमी के ऊपर टैक्स लगाने की नौबत आ गई. केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर इतना टैक्स लगा रखा है. साल में 3.5 लाख करोड़ रुपये की आमदनी होती है, कहां गया ये पैसा?
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यह कहा जा रहा है कि या तो सरकारी स्कूल बंद हो जाएं या बच्चों से फीस ली जाए.केजरीवाल ने कहा कि वैसे ही सरकारी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था बहुत खराब है. अगर फीस लगने लग गई तो कोई बच्चे को पढ़ा नहीं पाएगा. देश के आधे से ज्यादा बच्चे अनपढ़ रह जाएंगे. कई राज्य सरकारों ने सरकारी स्कूल में फीस का प्रावधान लागू कर दिया है. एक राज्य में तो 500 रुपये फीस ली जा रही है.
पूछा-जिसके पास पैसा नहीं तो क्या इलाज नहीं होगा?
सरकारी अस्पतालों में पैसे लेकर इलाज करने की बात कही जा रही है तो गरीब आदमी कहां से पैसा लाएगा और क्या जिसके पास पैसा नहीं होगा, उसका इलाज नहीं होगा? इसी तरह गरीबों को राशन भी फ्री नहीं देने की बात की जा रही है. केजरीवाल ने कहा, 2014 में केंद्र सरकार का 20 लाख करोड़ का बजट होता था, जबकि अब 40 लाख करोड़ का होता है तो ये पैसा कहां जा रहा है. मैं बताता हूं कि इन्होंने अपने बहुत ही अमीर अरबपति लोगों के 10 लाख करोड़ रुपए के कर्ज माफ किए हैं. सुपर रिच लोगो की कंपनियों का 5 लाख करोड़ का टैक्स भी माफ किया गया.
केजरीवाल ने कहा कि अगर यह लाखों करोड़ रुपये के कर्ज माफ नहीं किए जाते तो खाने पीने की चीजों पर टैक्स नहीं लगाना पड़ता. देश का आम नागरिक आज ठगा हुआ महसूस कर रहा है. उन्होंने पूछा कि अगर सारा सरकारी पैसा ऐसे चंद लोगों पर उड़ाया जाएगा तो देश आगे कैसे बढ़ेगा.