पानीपत समेत कई जिलों में आशा वर्करों ने उठाई अपने हक की आवाज, दी ये बड़ी चेतावनी
हरियाणा में आज जगह-जगह आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. आशा वर्कर प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी ने कहा कि सरकार आशा वर्करों की जायज मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं. इसके बाद भी सरकार ने जल्द आशा वर्कर की मांगों को पूरा नहीं किया तो एक बड़ा आंदोलन होगा.
पानीपत: बुधवार को अपनी मांगों को लेकर पानीपत के सिविल हॉस्पिटल में प्रदर्शन किया. पानीपत में यूनियन की अध्यक्ष पिंकी के नेतृत्व में सभी आशा वर्कर्स इकट्ठा हुईं. उन्होंने सिविल अस्पताल की ओपीडी के सामने और ओपीडी के अंदर भी मांगों को लेकर नारेबाजी की. इसके बाद सीएमओ के माध्यम से निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को मांगपत्र भेजा.
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इस दौरान आशा वर्कर यूनियन की अध्यक्ष पिंकी ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 2018 में उनकी मांगे पूरी करने का वादा किया, लेकिन मांगें आज तक पूरी नहीं हुई हैं. पिंकी ने कहा कि आशा वर्करों से दुनियाभर के सर्वे कराए जाते हैं, लेकिन उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि क्या सिर्फ आशा वर्कर ही सारे काम करने के लिए रह गई हैं ?
यूनियन की अध्यक्ष पिंकी ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की मांगों में रिकॉर्ड चेक करने के नाम पर आशा कार्यकर्ता नेताओं को परेशान और दंडित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद मृतक आशा कविता के परिवार को 50 लाख का बीमा दिया जाए.
उन्होंने आशा वर्करों के लिए 4000 रुपये जोखिम भत्ता देने के साथ, कोविड-19 के लिए प्रोत्साहन राशि का 50% दिए जाने, गंभीर रूप से बीमार और दुर्घटनाग्रस्त आशा को पैनल पर अस्पतालों में इलाज की सुविधा देने की मांग की. वहीं आशाओं को ग्राम स्तरीय कर्मचारी बनाकर पक्का होने तक सरकार का न्यूनतम वेतन 24000 रुपये देने और आशा को हेल्थ वर्कर का दर्जा देने की मांगें शामिल हैं. पिंकी ने कहा कि सरकार 2018 के नोटिफिकेशन को तत्काल लागू करें और आशा के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल हो.
कैथल में आशा वर्करों का प्रदर्शन
इधर कैथल में आज लघु सचिवालय में आशा वर्करों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि गृह मंत्री अनिल विज के साथ कुछ मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन उसका नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं हुआ है. उन्होंने अपने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना महामारी में काम करने करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स को 5000 रुपये एकमुश्त राशि देने की घोषणा की गई थी. यह राशि भी अभी तक आशा वर्कर्स को नहीं दी गई है.
आशा वर्कर्स यूनियन हरियाण सरकार से मांग करती है कि सहमत मांगो का नोटिफिकेशन तुरंत प्रभाव से जारी किया जाए. मुख्यमंत्री की घोषणा को लागू करते हुए सभी आशा वर्कर को 5000 रुपये राशि दी जाए, अगर 21 जुलाई 2022 तक हमारी मांगों का समाधान नहीं किया गया तो 21 जुलाई को हरियाणा की तमाम आशा वर्कर्स स्वास्थ्य मंत्री के आवास पर प्रदर्शन करेंगी.
चरखी दादरी में प्रदर्शन
चरखी दादरी में भी आशा वर्करों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर शहर में रोष प्रदर्शन करते हुए सीएमओ को ज्ञापन सौंपा. आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी भी की. आशा वर्कर प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी ने कहा कि सरकार आशा वर्करों की जायज मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही, जो बहुत ही निंदनीय है. कमलेश भैरवी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा आगामी 8 जुलाई को दादरी में होने वाली रैली पर बोलते हुए कहा कि रैलियों से कुछ नहीं होने वाला. कमलेश भैरवी ने कहा कि आज कर्मचारी, व्यापारी, किसान, मजदूर सभी इस सरकार की तानाशाही नीतियों की वजह से परेशान हैं.
कमलेश भैरवी ने अग्निपथ योजना के बारे में बताया कि सरकार युवाओं के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है, जिसका पूरे देश में विरोध हो रहा है. सरकार को जल्द से जल्द इस योजना को वापिस करना चाहिए. आशा वर्कर जिला प्रधान प्रेमवती ने बताया कि आशा वर्कर काफी समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं, लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है. प्रेमवती ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द आशा वर्कर की मांगों को पूरा नहीं किया तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.
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