Delhi Crime News: उत्तम नगर निवासी कृष्णा सेठी ने 1 जुलाई 2000 को अपनी बहू सरोज के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. सरोज अपने तीन बच्चों को छोड़कर अपने माता-पिता के घर जाने के बाद गायब हो गई थी.उन्होंने सरोज और बिरधाना, झज्जर (हरियाणा) निवासी अजय दहिया के बीच अवैध संबंध का आरोप लगाते हुए दोनों पर अपने बेटे अश्वनी सेठी की हत्या का इल्जाम लगाया था. अश्वनी सेठी का शव बिरधाना से बरामद किया गया था और शव पर गोली के निशान पाए गए थे. पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों आरोपियों की तलाश की, लेकिन वे हाथ नहीं लगे. करीब 25 साल बाद क्राइम ब्रांच ने हिमाचल के काला अंब से 59 वर्षीय आरोपी अजय को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया. पुलिस के मुताबिक वारदात के बाद आरोपी अजय और सरोज पहचान बदलकर हिमाचल में रहने लगे थे, लेकिन बाद में सरोज अजय को छोड़कर चली गई थी. 2008 में उन्हें घोषित अपराधी घोषित किया गया था. 


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एक टीम को पुराने मामलों में फरार आरोपियों का पता लगाने का काम सौंपा गया था. सर्विलांस की मदद से एएसआई रमेश, एचसी दिनेश लाकड़ा, संजीव, धारा सिंह और कांस्टेबल विवेक समेत अन्य टीम 25 साल पुराने हत्या के मामले में वांटेड आरोपी अजय दहिया के ठिकाने का पता लगाने में कामयाब हो गई. दिल्ली पुलिस के ''सहायक'' ऐप का उपयोग आरोपियों के डाटा को इकट्ठा करने के लिए किया गया. इसके बाद पुलिस ने 7 जनवरी 2025 को हरियाणा-हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित काला अंब क्षेत्र से अजय दहिया को धर दबोचा. पुलिस से बचने के लिए आरोपी अजय ने अपना नाम भी बदल लिया था. वह सोमपाल के नाम से वहां अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ रह रहा था.


अवैध संबंध में रोड़ा बने अश्वनी को लगाया ठिकाने 
पूछताछ के दौरान अजय ने खुलासा किया कि वह सरोज से प्यार करता था.उसका पति अश्वनी सेठी उनके रास्ते का रोड़ा बन गया था. इसके बाद उसने हत्या की साजिश रची और अश्वनी को बहला-फुसलाकर अपने गांव बुला लिया. यहां अजय ने गोली मारकर अश्वनी की हत्या कर दी. दोनों हिमाचल प्रदेश के बद्दी में किराया का घर लेकर रहने लगे. 


पंचकूला आकर की दूसरी महिला से शादी 
अजय ने मजदूरी का काम शुरू कर दिया. समय बीतने के साथ उसे शराब की लत लग गई, जिसके कारण सरोज से उसका अक्सर झगड़ा होने लगा.  मारपीट से तंग सरोज उसे छोड़कर गायब हो गई. इसके बाद अजय हरियाणा के पंचकूला चला गया और सब्जियां बेचना शुरू कर दिया. वहां उसकी मुलाकात एक अन्य महिला से हुई और फिर उससे शादी कर ली. पकड़े जाने के डर से अजय ने अपना नाम सोमपाल रख लिया और नया आधार कार्ड बनवा लिया. बाद में वह और उसका परिवार सोनीपत चले गए, जहां उन्होंने एक ऑटो-रिक्शा खरीदा और ड्राइवर के तौर पर करने लगा. कोविड-19 से लॉकडाउन के दौरान वह परिवार संग हिमाचल प्रदेश चला गया और काला अंब में चाय की दुकान खोल ली. गिरफ्तारी के समय वह अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ रह रहा था. सरोज का अब भी फरार है. 


इनपुट: राजकुमार भाटी 


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