Australian universities Ban Haryana People : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे के खत्म होने के साथ ही वहां से भारतीय छात्रों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है. ऑस्ट्रेलिया की दो यूनिवर्सिटी ने पांच राज्यों के छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. वीजा फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को देखकर विक्टोरिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी और न्यू साउथ वेल्स स्थित वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तरखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के छात्रों पर यह प्रतिबंध लगाया है.


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दोनों यूनिवर्सिटी ने एजुकेशन एजेंट्स को पत्र लिखकर इस बाबत निर्देश दिया है. बताया गया है भारत के इन राज्यों के लोग ऑस्ट्रेलिया में काम पाने के लिए फर्जी स्डूडेंट वीजा बनवा रहे हैं. द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना ऐसे वक्त है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय छात्रों को एक दूसरे के देशों में रहने, अध्ययन करने और अनुभवों को साझा करने पर जोर दिया है. इसके अलावा दोनों देशों ने स्नातक उत्तीर्ण छात्रों, शोधकर्ताओं और व्यवसायियों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. 


फर्जीवाड़े की घटनाएं बढ़ीं 


फेडरेशन यूनिवर्सिटी के एजेंटों को लिखे पत्र में कहा है, पिछले कुछ समय से गृह विभाग द्वारा कुछ भारतीय क्षेत्रों के फर्जी वीजा आवेदनों को रद्द के मामलों में वृद्धि देखी गई है. हमें उम्मीद थी कि यह एक अल्पकालिक मुद्दा साबित होगा लेकिन अब यह स्पष्ट है कि एक प्रवृत्ति उभर रही है. 


जोखिम वाले क्षेत्रों में हरियाणा भी 


वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ने 8 मई को भेजे गए एक संदेश में एजेंटों को बताया कि यूनिवर्सिटी ने पंजाब और हरियाणा की पहचान सबसे ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप में की गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत में इन पांच क्षेत्रों के लोगों के एप्लीकेशन को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. यह प्रतिबंध कम से कम दो महीने (मई और जून) तक रहेगा. इस दौरान विश्वविद्यालय में गैर वास्तविक छात्रों के नामांकन को रोकने के लिए सख्त प्रवेश शर्तों, प्रारंभिक शुल्क में वृद्धि समेत अन्य आवश्यक उपाय किए जाएंगे.


ये यूनिवेर्सिटी भी लगा चुकी है प्रतिबंध 
पिछले महीने भी काम करने के लिए फर्जी स्टूडेंट वीजा लेने के मामलों को देखते हुए विक्टोरिया यूनिवर्सिटी, एडिथ कोवेन यूनिवर्सिटी, टॉरेंस और साउदर्न क्रॉस यूनिवर्सिटी ने भी कुछ भारतीय राज्यों के लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया था.